क्या वजह है स्मार्ट चिप कम्पनी पर मेहरबानी की?
ग्वालियर:- स्मार्ट चिप कम्पनी परिवहन विभाग में डेढ़ दशक से सेवाएं दे रही है, कम्पनी ओर महकमे में हर पांच साल के लिए अनुबंध होता है। पांच साल बाद फिर से करार की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है, परन्तु प्रथम अनुबंध में शर्त थी कि विभाग के कर्मचारियों को दक्ष कर दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने कर्मचारियों को बर्ष में एक बार तीन दिन की ट्रेनिंग देकर इतिश्री कर ली। क्या इससे कर्मचारी दक्ष हुए हैं, यह तो भविष्य के गर्त में दफन हैं?
बहरहाल हम बात कर रहे हैं कम्पनी पर मेहरबानियो की, परिवहन विभाग ने सितंबर 2013 में स्मार्ट चिप लिमिटेड से विभाग के कार्य कंप्यूटर द्वारा करने के लिए एक 5 वर्ष का सर्विस अनुबंध किया था। जिसके अनुसार वाहनों के पंजीयन कार्ड परमिट फिटनेस अनापत्ति प्रमाण पत्र आदि कार्य के लिए अनुबंध की दरों के अनुसार परिवहन विभाग स्मार्टचिप को भुगतान करता है । जब कि ऑनलाइन टैक्स भुगतान सुविधा वेब आधारित ऑनलाइन एप्लीकेशन के लिए सीधे जनता से उपभोक्ता प्रभार स्मार्ट चिप कंपनी वसूल रही है जनता से उपभोक्ता प्रभार की वसूली के लिए परिवहन विभाग ने एक अधिसूचना क्रमांक 536 दिनांक 5 दिसम्बर 2013 जारी कर कंपनी को अधिकार प्रदान किये । ऑनलाइन एप्लीकेशन सिस्टम के उपयोग के लिए जनता से उपभोक्ता प्रभार के नाम पर सुविधा शुल्क वसूल रही हैं। जबकि कम्पनी ने पूरे मध्यप्रदेश में कही भी अपने सर्विस सेंटर /क्योस्क सेंटर नहीं खोले। जनता खुद के कंप्यूटर से खुद के बैंक खाते से ऑनलाइन भुगतान करती है और खुद अपने प्रिंटर से प्रिंट निकलती है जिसका उपभोक्ता प्रभार कंपनी बिना कुछ किये वसूलती है । जिस वेबसाइट से ये ऑनलाइन टैक्स पेमेंट ओर ऑनलाइन एप्लीकेशन के सुविधा मिलती है वह मध्यप्रदेश परिवहन विभाग की है, स्मार्टचिप कंपनी का कहीं कोई नाम तक नही है। जबकि तो उपभोक्ता प्रभार की रसीद मिलती है वो स्मार्टचिप लिमिटेड की होती है।
शेष आगे……