शिक्षिका पर नाराजगी जाहिर करने के साथ पीआईयू के ठेकेदार एवं अधिकारियों को दिए निर्देश।
ग्वालियर:- आयुक्त नि:शक्तजन मध्यप्रदेश श्री संदीप रजक ने दो दिवसीय ग्वालियर जिले के प्रवास के दौरान सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा संचालित मानसिक रूप से अविकसित बालक एवं बालिकाओं के विशेष आवासीय विद्यालय, शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधित विद्यालय, आईटीआई परिसर ग्वालियर में निराश्रित निधि से एक करोड़ 87 लाख की लागत से निर्मित हो रहे 50 सीटर दिव्यांगजनों के छात्रावास का भी अवलोकन कर निर्माण कार्य में गति लाने के पीआईयू के ठेकेदार एवं अधिकारियों को निर्देश दिए।
श्री संदीप रजक ने निरीक्षण के दौरान उक्त संस्थाओं में विधिवत रूप से उचित स्थान पर बोर्ड लगाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक कर्मचारी की जवाबदारी है कि वे संस्था के परिसर को साफ-सुथरा रखें। उन्होंने संस्थाओं के निरीक्षण के दौरान मानसिक दिव्यांग छात्र-छात्राओं से चर्चा की। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए शिक्षिका श्रीमती वंदना भटनागर को प्रत्येक बच्चे की प्रोग्रेस रिपोर्ट बनाने के भी निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि विभिन्न बैंकों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से सहयोग लेकर बच्चों के लिए फर्नीचर जैसी अन्य व्यवस्थायें भी जुटाएं। श्री रजक ने सार्वजनिक एवं शासकीय भवनों के निर्माण के दौरान रैम्प बनाने के निर्देश दिए हैं। जिससे दिव्यांगजनों को भवनों में पहुँचने में किसी प्रकार की बाधा न हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी भवनों में 5 वर्ष के अंदर रैम्प बनाए जायेंगे।
नि:शक्तजन आयुक्त श्री रजक ने कहा कि आयोग का मुख्य कार्य दिव्यांगजनों को मान, सम्मान प्रदाय कर उनके अधिकारों का संरक्षण करना है। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजन अधिनियम 164 के प्रावधानों के तहत सार्वजनिक एवं शासकीय सभी नए भवनों में रैम्प बनाए जाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थलों पर दिव्यांगजनों के लिए पृथक से टॉयलेट बनाने के भी निर्माण एजेन्सियों को निर्देश दिए गए हैं। इन टॉयलेटों की जानकारी दिव्यांगजनों को मिल सके, इसके लिए साइन बोर्ड भी लगाए जायेंगे। उन्होंने कहा कि सभी स्कूल भवनों में स्कूल संचालकों एवं निर्माण एजेन्सियों को रैम्प बनाने के निर्देश दिए गए हैं।