भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड को बेचने का खाका तैयार।
भारत की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी जल्द ही निजी हाथों में जा सकती है। केंद्र सरकार भारत पेट्रोलियम कॉर्रपोरेशन लिमिटेड में अपनी 53 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी को बेचने जा रही है। इसके लिए सरकार की तरफ से सारी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। नवंबर के पहले हफ्ते में सरकार निविदा निकालेगी। अपनी पूरी 53.3 फीसदी बेचकर के सरकार का लक्ष्य 65 हजार करोड़ रुपये की उगाही करने का है। इसके लिए ससंद से भी मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी। पिछले साल सरकार ने ओएनजीसी पर एचपीसीएल के अधिग्रहण के लिए दबाव डाला था।
जानकारों का कहना है कि सरकार ने गुपचुप तरीके से उस कानून को खत्म कर दिया है, जिस कानून से कंपनी का राष्ट्रीयकरण हुआ है। ऐसे में कंपनी निजी हाथों में बेचने के लिए संसद से मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी। दरअसल मोदी सरकार ने Repealing and Amending Act को साल 2016 में ही खत्म कर दिया था। जिसमें 187 अप्रचलित और निरर्थक कानून रद्दी की टोकरी में चले गए।