चिराग तले अंधेरा।
ग्वालियर:- मध्यप्रदेश शासन के कमाऊ सपूतों में सुमार किए जाने वाला परिवहन महकमा वैसे तो हमेशा से ही सुर्खियों का बिषय रहा है। परन्तु आजकल वाहन खासकर स्कूल वाहनों के खिलाफ कार्रवाई एवं नियमों का कठोरता से पालन कराने का भरसक प्रयास कर रहा है, परन्तु क्या नियम सिर्फ आम नागरिकों पर ही लागू होने चाहिए? कर्मचारियों/ अधिकारियों पर नहीं?
गोरतलब है कि शासन के पास वाहनों की संख्या कम होने के कारण किराये पर वाहन अनुबंध किये जा रहें हैं, परन्तु शर्तानुसार वाहन व्यवासयिक श्रेणी में पंजीकृत होना चाहिए। लेकिन परिवहन कार्यालय ग्वालियर में शामिल वाहन एम पी ०७ बी ए ०५०५ इन शर्तों पर खरा नहीं उतर रहा है। सूत्रों का कहना है कि वाहन एम पी ०७ सी एफ ०५०५ के स्थान पर लगा रखा है।
बहरहाल अब देखना यह है कि इस तरह के नियमविरूध कार्य पर रोक लगा पाने में विभाग सफल हो पाता है या नहीं। फिलहाल तो यह भविष्य की गर्त में दफन हैं। परन्तु यह तल्ख सच्चाई है कि वर्तमान में पदस्थ आर टी ओ अनिभिज्ञ हो?