मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ द्वारा सुश्री मेधा पाटकर से अनशन समाप्त करने का आग्रह
भोपाल:- मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने आज जारी वक्तव्य में नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता सुश्री मेधा पाटकर को सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापितों के पुनर्वास, पुनर्वास कार्यक्रमों में जन-सहभागिता को सुनिश्चित करने, विभिन्न न्यायालयों में लंबित विधिक मुद्दों और पुनर्वास संबंधी कार्यों में गुजरात सरकार से राशि प्राप्त करने संबंधी मुद्दों पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुए अपना अनशन समाप्त करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि सुश्री पाटकर अनशन को समाप्त कर डूब प्रभावितों के मुद्दों के निराकरण में राज्य सरकार का सहयोग करे।
श्री कमल नाथ ने कहा कि राज्य सरकार का पूरा प्रयास होगा कि बांध के गेट खोले जाये एवं पूर्ण जल-स्तर तक भराव वर्तमान में स्थगित रखा जाये। मुख्यमंत्री ने सुश्री पाटकर और नर्मदा बचाओ आंदोलन के सभी साथियों को आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार डूब प्रभावितों के पूर्ण पुनर्वास के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि डूब प्रभावितों के सभी दावों और मुद्दों का सम्पूर्ण निराकरण नर्मदा घाटी के गाँव-गाँव में शिविर लगाकर किया जायेगा।
म.प्र. के विरोध से 30 से.मी. प्रतिदिन जल भराव की गुजरात की मांग नही हुई मान्य
श्री कमल नाथ ने वक्तव्य में जानकारी दी है कि 16 अगस्त 2018 को गुजरात की मांग पर हुई जलाशय नियमन समिति की बैठक में गुजरात सरकार द्वारा प्रतिदिन 30 से.मी. की बड़ी हुई दर से जल भराव की अनुमति देने की मांग राज्य शासन के सशक्त बिरोध के कारण ही मान्य नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि यह मध्यप्रदेश के हितों के संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने अपने वक्तव्य में कहा है कि सरदार सरोवर एक अंतर्राज्यीय परियोजना है, जिसमें गुराजत, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं मध्यप्रदेश सहभागी है। अत: किसी एक राज्य द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है। पुनर्वास कार्य, नर्मदा वाटर डिस्प्यूट ट्रिब्यूनल अवार्ड, राज्य की पुनर्वास नीति एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के परिपालन में किये जा रहे हैं। राज्य में विस्थापितों के पुनर्वास से जुड़ी समस्याओं का निराकरण उच्च न्यायालय के 5 सेवानिवृत्त न्यायधीश द्वारा शिकायत निवारण प्राधिकरण के जरिये किया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा विस्थापितों से निरन्तर संवाद
मुख्यमंत्री के अनुसार एक कल्याणकारी राज्य सरकार होने से नर्मदा बचाओ आंदोलन और विस्थापितों से निरन्तर संवाद किया जा रहा है, जिससे विस्थापितों की पीड़ा को समझकर उनका सार्थक निराकरण कराया जा सके। वर्तमान सरकार ने पुनर्वास कार्यों में विस्थापितों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक डूब ग्राम स्तरीय एवं जिला स्तरीय पुनर्वास समिति गठित की है। इन समितियों में जन-प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता एवं विस्थापित शामिल किये गये हैं।