एक हजार 65 डॉक्टरों की होगी शीघ्र नियुक्ति:- तुलसी सिलावट
इन्दौर:- लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने आज रेडीसन होटल में इंदौर संभाग के चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में शीघ्र एक हजार 65 चिकित्सकों की नियुक्ति की जायेगी। पैरामेडिकल स्टॉफ के रिक्त पद शीघ्र भरे जायेगें। राज्य शासन द्वारा पैरामेडिकल स्टॉफ की भर्ती करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में नियुक्ति एवं भर्ती की प्रक्रिया जारी है। उन्होने कहा कि चिकित्सकगण अपना दायित्व गंभीरता से निहर्वन करें। स्टॉफ और बजट की कमी नहीं आने दी जायेगी। मंत्री श्री सिलावट ने बैठक में जननी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री मजदूर प्रसूति सहायता योजना, दस्तक अभियान, शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर, संस्थागत प्रसव, आदि योजनाओं की बिन्दुवार समीक्षा की।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती पल्लवी जैन गोविल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जन सेवा का विभाग है। चिकित्सकगण संवेदनशीलता का परिचय दें और अपना दायित्व गंभीरता से निर्वहन करें। उन्होने कहा के प्रदेश में सभी बच्चों और गर्भवती माताओं का शत-प्रतिशत टीकाकरण जरूरी है। उन्होने कहा कि स्वास्थ्य अमला एएनएम और आशा कार्यकता घर-घर जाकर सभी गर्भवती माताओं का पंजीयन करें। स्वास्थ्य सेवा के लिहाज से इंदौर संभाग प्रदेश में नंबर 1 है। मगर अन्य प्रदेशों की तुलना में पीछे है। स्वास्थ्य सेवा के मामलों में और अधिक सुधार की जरूरत है। एएनएम को कौशल प्रशिक्षण की जरूरत है। आपातकालीन सेवा और प्रसव कक्ष के सुदृढ़ीकरण की जरूरत है। प्रदेश में दूध, घी, मावा और पनीर में मिलावट करने वालों के खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी।
बैठक को संबोधित करते हुए आयुक्त स्वास्थ्य संचानालय भोपाल श्री नीतेश व्यास ने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान के बाद स्वास्थ्य सेवा अनिवार्य आवश्यकता है। स्वास्थ्य सेवा के विस्तार में धन की कमी नहीं आने दी जायेगी। वाह्य रोगी विभाग, अंत:रोगी विभाग, दवा वितरण की व्यवस्था में और अधिक सुधार की जरूरत है। राज्य शासन द्वारा जिला अस्पतालों को सभी सुविधाएं दी गई है। जिला अस्पतालों में हर तरह के इलाज की सुविधा है। जिला अस्पताल द्वारा मरीजों का वहीं पर भी इलाज किया जाये, इंदौर के लिए कम से कम मरीज रेफर किये जाये, जिससे एमवाय अस्पताल पर दवाव कम हो।
बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक श्रीमती छवि भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा। चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ की शीघ्र भर्ती की जायेगी। सभी जिला अस्पतालों में हृदय रोग, क्षय रोग, कुष्ठ रोग, डायबिटीज का इलाज किया जा रहा है। इन सुविधाओं में और अधिक सुधार किया जायेगा। स्वास्थ्य सेवा में किसी भी प्रकार की लेट-लतिफी और हीलाहवाली बर्दास्त नहीं की जायेगी। आज की स्थिति में सभी प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है। स्वास्थ्य विभाग का मूल उद्देश्य शिशु मृत्युदर और मातृ मुत्युदर में कमी लाना है। आदिवासी जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा। दस्तक अभियान के तहत एनिमिया से पीड़ित सैकड़ों बच्चों को इलाज और रक्ताधान के जरिए सामान्य स्थिति में लाया गया है।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में आमजन को विशेषज्ञ सुविधाएं प्रदान किये जाने की दृष्टि से विशेषज्ञ चिकित्सकों की शीघ्र भर्ती की जायेगी। शीघ्र ही 102 पैरामेडिकल स्टॉफ की पद स्थापना की जायेगी और प्रदेश के हर जिले में औसतन 20-20 नये डॉक्टर नियुक्त किये जायेगें। अस्पतालों में साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था पर इस वित्तीय वर्ष में 64 करोड़ रूपये खर्च किये जायेगें। चिकित्सकों के बैकलॉग के पद शीघ्र भरे जायेगें। ग्रामीण क्षेत्रों में 525 एमबीबीएस चिकित्सकों की संविदा नियुक्ति की जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रत्येक बुधवार को वॉक-इन-इंटरव्यू आयोजित किये जा रहे हैं। संविदा चिकित्सकों के वेतन में बढ़ात्तरी की गई है।
पैरामेडिकल स्टॉफ के पदों की पूर्ति के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा शीघ्र भर्ती की जायेगी। 1276 स्टॉफ नर्स की शीघ्र भर्ती की जायेगी। शासकीय एएनएम प्रशिक्षण केन्द्र बड़वानी, बैतूल, बुरहानपुर, मण्डला, इटारसी और शहडोल का उन्नयन किया जायेगा। शासकीय चिकित्सालयों ग्रामीण क्षेत्रों में शीघ्र ही चिकित्सकों की नियुक्ति की जायेगी। प्रदेश में 29 जिला चिकित्सालयों में सिटीस्केन की सुविधा आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जा रही है। प्रदेश में 713 स्वास्थ्य केन्द्रों की उन्नयन किया जायेगा। इस अवसर पर बड़ी संख्या में इंदौर संभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ और ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर मौजूद थे।