खराब सड़कें 15 दिन में पहले जैसी बनाई जाएं:- कलेक्टर
ग्वालियर:- शहर में अमृत परियोजना के तहत जहां-जहां सीवर और पानी की लाईनें डालने के लिए सड़कें खोदी गई हैं, उन सभी को 15 दिन के अंदर ठीक किया जाए। लाईन डालने के बाद सड़क जैसी थी, वैसी ही बनाई जाए। बरसात के दौरान कहीं पर भी नागरिकों को सड़क के कारण परेशानी नहीं आना चाहिए। कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने यह निर्देश नगरीय क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में दिए हैं।
नगर निगम द्वारा शहर में किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने शनिवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में की। बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिन, अपर कलेक्टर श्री अनूप कुमार सिंह, एडीएम श्री संदीप केरकेट्टा, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री प्रदीप तोमर, श्री सी बी प्रसाद, श्रीमती पुष्पा पुषाम, नगर निगम के अधीक्षण यंत्री श्री आर एल एस मौर्य, श्री प्रदीप चतुर्वेदी सहित नगर निगम के इंजीनियर और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने अमृत परियोजना की समीक्षा के दौरान शहर में डाली जा रही पानी की लाईन, पानी की टंकियों का निर्माण तथा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण की प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रोजेक्ट के आर.ई. के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के आर.ई. की जवाबदारी थी कि प्रोजेक्ट के कार्य किस कारण से समय पर नहीं किए जा रहे हैं, उनके द्वारा अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने अमृत परियोजना की प्रगति की समीक्षा के दौरान नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिन से कहा कि जिन ठेकेदारों द्वारा कार्यों में विलम्ब किया जा रहा है, उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जाए। बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि जिन सड़कों को पानी अथवा सीवर की लाईन के लिए खोदा गया है, उनकी मरम्मत का कार्य तत्परता से किया जाए। इस कार्य में निगम के अधिकारी निरंतर मॉनीटरिंग करें। क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को भी सड़कों को ठीक करने के कार्य की मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर ने स्वच्छता अभियान की समीक्षा के दौरान कहा कि स्वच्छता के प्रति आम नागरिकों की भागीदारी को बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जाए। स्वच्छता एप अधिक से अधिक लोग डाउनलोड करें और उसका उपयोग भी करें। इसके लिए स्कूल, कॉलेज, सामाजिक संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा कर स्वच्छता एप डाउनलोड कराने की कार्रवाई की जाए। स्वच्छता के प्रति जन जागृति के लिए विशेष अभियान चलाया जाए, जिसका नोडल अधिकारी, सीईओ स्मार्ट सिटी को बनाया जाए।
कलेक्टर ने बैठक में यह भी निर्देशित किया कि स्वच्छता के कार्य को और प्रभावी रूप से करने के लिए एमआईटीएस कॉलेज के बच्चों का भी सहयोग लिया जाए। कॉलेज के बच्चे शहर में सर्वेक्षण के माध्यम से लोगों को स्वच्छता के प्रति जन जागृति लाने, स्वच्छता एप डाउनलोड कराने के साथ ही निगम द्वारा स्वच्छता के लिए किए जा रहे कार्यों से भी लोगों को अवगत करा सकें। इसके साथ ही शहर को डस्ट फ्री करने के पश्चात शहर के प्रमुख स्थानों पर जहाँ हॉकर जोन स्थापित है वहाँ पर ठेले वालों को डस्टबिन रखने तथा अपने कचरे का सही स्थान पर निष्पादन करने की आदत डालने हेतु भी विशेष प्रयास करने की आवश्यकता बताई।
कलेक्टर श्री चौधरी ने बैठक में यह भी कहा कि प्रतिदिन एकत्रित होने वाले कचरे से जो प्लास्टिक निकलती है, उसका उपयोग किया जाना चाहिए। प्रदेश के कई शहरों में प्लास्टिक वेस्ट का उपयोग सड़क निर्माण में किया गया है। ग्वालियर शहर में भी सड़क निर्माण में प्लास्टिक वेस्ट का उपयोग किया जाना चाहिए।
नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिन ने स्वच्छता के संबंध में बताया कि शहर में ईको ग्रीन कंपनी के माध्यम से 35 वार्डों के कचरे का कलेक्शन डोर-टू-डोर किया जा रहा है। इसके साथ ही निगम द्वारा कचरा प्रोसेसिंग के लिए प्लांट भी चालू कर दिया है। उन्होंने बताया कि शहर से प्रतिदिन लगभग 350 टन कचरा प्लांट पर पहुँच रहा है। इसके साथ ही ईको ग्रीन कंपनी के माध्यम से सात कचरा ट्रांसफर स्टेशन भी संचालित किए जा रहे हैं।
निगम आयुक्त श्री माकिन ने यह भी अवगत कराया कि नगर निगम द्वारा डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के माध्यम से घर-घर संपर्क कर जानकारी एकत्र करने के साथ ही घर-घर पर स्टीकर लगाने का कार्य भी किया गया है। नगर निगम के सभी अधिकारियों को स्वच्छता के लिए एक-एक वार्ड का प्रभारी अधिकारी भी नियुक्त किया गया है। जन जागृति के लिए भी निगम द्वारा निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी के माध्यम से भी स्वच्छता के क्षेत्र में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में महाराज बाड़े पर अत्याधुनिक दो टॉयलेटों का निर्माण भी किया जायेगा।