ग्वालियर शहर भी देश के अन्य महानगरों की तरह स्मार्ट व अत्याधुनिक होगा:- महीप तेजस्वी
ग्वालियर:- ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा शहर में अच्छे पार्क, व्यवस्थित मल्टीलेवल पार्किंग, शासकीय स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस, शहर के हृदयस्थल महाराज बाड़े पर डिजिटल लाइब्रेरी, सुव्यवस्थित यातायात सहित और भी अनेक विकास कार्य एवं परियोजनाएं शहर में संचालित की जा रहीं है। जिसमें कुछ तो पूर्ण भी हो चुकी हैं तथा कई योजनाओं पर कार्य पूर्णता की ओर है। आने वाले समय में स्मार्ट सिटी द्वारा किए जा रहे यह सभी कार्य पूर्ण होते ही ग्वालियर शहर भी देश के अन्य महानगरों की तरह स्मार्ट व अत्याधुनिक शहर होगा।
सीईओ स्मार्ट सिटी श्री महीप तेजस्वी ने बताया कि ग्वालियर स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया एक दूसरे के पूरक हैं। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना ‘डिजिटल इंडिया’ को चार वर्ष पूरे हो गये हैं और इन चार वर्षों में लगभग सभी शहरवासी किसी ना किसी माध्यम से इस मुहिम से प्रभावित हुए हैं। शहरों के विकास में अग्रिम भूमिका निभाने वाले स्मार्ट सिटी मिशन की अधिकांश योजनाएँ अपने स्तर पर डिजिटल इंडिया कैम्पेन को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दे रही हैं। ऐसी ही स्थिति ग्वालियर स्मार्ट सिटी की परियोजनाओं के साथ भी है। गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी मिशन के आरम्भ में ही नागरिकों व बुद्धिजीवियों के सुझाव एकत्रित करने में डिजिटल माध्यमों की अहम भूमिका रही थी।
*डिजिटल साक्षरता के लिए शहर के 37 शासकीय स्कूलों में विकसित की स्मार्ट क्लासेस*
डिजिटल इंडिया की आधारशिला के तीन मुख्य भाग हैं। जिसमें डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, गवरनेंस एंड सर्विसेज तथा डिजिटल एमपॉवरमेंट शामिल है। डिजिटल इंडिया कैम्पेन में अंकित डिजिटल एमपॉवरमेंट का एक महत्वपूर्ण भाग है डिजिटल साक्षरता। ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा विकसित स्मार्ट क्लास के माध्यम से शासकीय स्कूल के छात्रों को निजी स्कूल के छात्रों की तर्ज पर तकनीकी सहायता से शिक्षा प्रदान की जा रही है। ज्ञात हो कि अपने पहले चरण में ऐसे 37 स्मार्ट क्लास का विकास ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा किया जा चुका है। हाल ही में बेल्जियम राष्ट्र का एक प्रतिनिधिमंडल ग्वालियर आया था और इस क्लास के निरीक्षण पश्चात् काफी प्रभावित हुआ था।
*डिजिटल ट्रांजेक्शन से आसान हुई जिंदगी*
डिजिटल इंडिया कैम्पेन का मुख्य बिंदु आधारित है डिजिटल पेमेंट्स पर। नोटबंदी के समय से ही केंद्र सरकार वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ाने हेतु डिजिटल पेमेंट्स को प्रोत्साहित कर रही है। भीम यूपीआई, आईएमपीएस, आरटीजीएस, एनईएफटी आदि माध्यमों से होने वाले ट्राजैक्शन पूर्णतः पारदर्शी होते हैं तथा इनकी जानकारी सम्बंधित विभागों को उपलब्ध कराई जा सकती है। इसी के चलते ग्वालियर स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट जैसे स्मार्ट पार्किंग भिन्न माध्यमों से डिजिटल पेमेंट स्वीकार करता है। इससे यात्रियों का ना सिर्फ समय बचता है अपितु खुले पैसे की झंझट, नकद संभालने, लाइन में लगने जैसी असुविधाओं से भी मुक्ति मिलती है। शहर की प्रतीक्षित पब्लिक बाइक शेयरिंग परियोजना भी डिजिटल इंडिया कैम्पेन को बढ़ावा देती है। क्यूँकि स्मार्ट साइकिलों का संचालन ऐप आधारित है, इसकी पेमेंट, जानकारी, साइकिल ले जाना व छोड़ना। सब कुछ डिजिटल माध्यम से ही होता है। इस परियोजना का लाभ लेने के लिए आप मासिक पास, जीपीएस आधारित ट्रैकिंग, सम्बंधित जानकारियाँ सब अपने स्मार्टफोन पर प्राप्त कर सकते हैं। ऐसी ही सुविधा जल्द ही ग्वालियर स्मार्ट सिटी बस सर्विस में भी लागू की जा रही है।
*कंट्रोल कमांड सेंटर से रहेगी पूरे शहर पर नजर*
ग्वालियर स्मार्ट सिटी की सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शुमार है एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर। इस परियोजना का ध्येय शहर की आवश्यक व्यवस्थाओं को एक ही स्थान पर समन्वय कर संचालित करना है। इस परियोजना के माध्यम से शहर में आपातकालीन सेवाओं, सुरक्षा व्यवस्था, सीसीटीवी सर्वेलेंस, यातायात प्रबंधन आदि जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को विभागों के आपसी तालमेल के साथ संचालित किया जा सकेगा।
*डिजिटल लाइब्रेरी से होगी हर मुश्किल आसान*
शहर के हृदयस्थल महाराज बाड़े पर स्थित मौजूदा सेंट्रल लाइब्रेरी को डिजिटल लाइब्रेरी में तब्दील किया जा रहा है। लगभग 50000 से अधिक पुस्तकों का डिजीटलाईजेशन किया जा रहा है। इसके अलावा इस लाइब्रेरी की प्रत्येक पुस्तक को डिजिटल आईडी देना, आरएफआईडी प्रणाली द्वारा लाइब्रेरी में उपलब्ध पुस्तकों की जानकारी आदि डिजिटल प्लैट्फॉर्म पर उपलब्ध कराई जायेगी। लाइब्रेरी में स्थित डिजिटल इन्फर्मेशन कियोस्क की सहायता से पुस्तकों की लोकेशन आदि आसानी से प्राप्त की जा सकेगी।
*‘ऐप एक, फायदे अनेक’*
पूर्ण परियोजनाओं में सम्मिलित वन सिटी वन ऐप भी डिजिटल इंडिया पर आधारित परियोजना है। ‘ऐप एक, फायदे अनेक’ को ध्यान में रखते हुए उस ऐप में महिला सुरक्षा के लिये वीरांगना मॉडयूल, ब्लड बैंक डेटाबेस, आवश्यक सेवाएँ आदि उपलब्ध हैं। निकट भविष्य में स्मार्ट सिटी बस, पब्लिक बाइक शेयरिंग, स्मार्ट पार्किंग आदि परियोजनाओं की जानकारी व भुगतान इस ऐप के माध्यम से किए जा सकेंगे।