बिजली, पानी और सीवर की समस्या के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए – खाद्य मंत्री
ग्वालियर:- प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि आम जनों को बिजली, पानी और सीवर की समस्या न आए, इसके लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय होना चाहिए। अपने कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को दण्डित किया जाना चाहिए। किसी अधिकारी की लापरवाही से शासन और प्रशासन की छवि खराब नहीं होना चाहिए। खाद्य मंत्री श्री तोमर ने यह निर्देश बुधवार को नगर निगम के सभाकक्ष में नगर निगम के अधिकारियों की बैठक में दिए हैं।
प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि शहर में पर्याप्त पानी की उपलब्धता होने के बाद भी क्षेत्र में पानी की समस्या की शिकायत मिल रही है। इसके साथ ही कहीं-कहीं गंदा और पीला पानी आने की शिकाय भी मिलती है। मैदानी अधिकारियों को अपने दायित्व का निष्ठापूर्वक निर्वहन करना चाहिए। कीं पर भी पानी की समस्या की शिकायत नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने निर्देशित किया कि इसके नगर निगम तत्काल कंट्रोल रूम स्थापित कर पानी की समस्या के निराकरण की पहल करें। कंट्रोल रूम तीनों विधानसभाओं में स्थापित किए जाएं और इसमें पर्याप्त संसाधन और अमले को तैनात किया जाए, ताकि कहीं से भी पानी की शिकायत प्राप्त होती है तो उसका निराकरण तत्परता से किया जा सके।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह भी निर्देशित किया कि बरसात से पूर्व नालों की सफाई का अभियान युद्ध स्तर पर किया जाना चाहिए। प्रत्येक जोनल कार्यालय पर एक पंजी संधारित कर उनके क्षेत्र में नालों की सफाई की प्रगति अंकित की जाना चाहिए। उनके द्वारा अंकित किए गए रजिस्टरों का वरिष्ठ अधिकारी भी निरंतर निरीक्षण करें और नाला सफाई के कार्य को तेजी से कराएं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री तोमर ने बैठक में यह भी निर्देशित किया कि बरसात से पूर्व शहर की सभी स्ट्रीट लाईटों को चालू कराने की जवाबदारी नगर निगम अमले की है। बरसात के दौरान स्ट्रीट लाईट के कारण किसी प्रकार की कोई दुर्घटना न घटे, इसके लिए सभी खम्बों की लाईट चालू रहना चाहिए। बिजली विभाग से जुड़े अधिकारी सम्पूर्ण शहर में निरंतर भ्रमण कर लाईटों के संधारण के कार्य को प्राथमिकता से करें। उक्त कार्य में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई भी की जाए।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री तोमर ने बैठक में अमृत परियोजना की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में पूर्व में भी एडीबी परियोजना के तहत पानी की लाईन डालने का कार्य किया गया था। उक्त योजना में 24X7 पानी देने की बात कही गई थी। उक्त योजना में कहां-कहां लाईन डाली गई और वर्तमान में उसकी क्या स्थिति है, इसका प्रतिवेदन लिया जाए और आवश्यक हो तो उसकी जांच भी कराई जाए, ताकि डाली गई लाईनों की उपयोगिता समझ में आ सके। अमृत परियोजना के तहत किए जा रहे कार्यों को तेजी के साथ करने के निर्देश दिए गए।