लोकतंत्र में मीडिया का अहम रोल – प्रद्युम्न सिंह तोमर
ग्वालियर:- विश्व पत्रकारिता दिवस के अवसर पर जीवायएमसी के सभागार में ग्वालियर प्रेस क्लब द्वारा लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता सरंक्षण मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक श्री मुन्नालाल गोयल ने की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व साडा अध्यक्ष श्री राकेश जादौन, जनसम्पर्क अधिकारी श्री मधुसोलपुरकर, मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार डा. रामविद्रोही थे। कार्यक्रम में स्वागत भाषण ग्वालियर प्रेस क्लब के श्री सचिव राजेश शर्मा तथा मंच संचालन ग्वालियर प्रेस क्लब के प्रवक्ता व कोषाध्यक्ष श्री सुरेश शर्मा ने किया। इस अवसर पर गणमान्य पत्रकारों को शॉल श्रीफल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका विषय पर कहा कि देश में लोकतंत्र को बचाने के में मीडिया अहम रोल निभा रहा है। उन्होने कहा कि हम सबको ग्वालियर के विकास में मिलजुलकर सहभागी बनना होगा। मंत्री श्री तोमर ने कहा कि समय समय पर वह प्रेस क्लब के साथ बैठकर क्षेत्र की समस्याओं, विकास व प्रगति को लेकर मीडिया से चर्चा करते रहेगें। उन्होने इस मौके पर सम्मानित हुए पत्रकारों को अपनी स्वेच्छा निधि से 10-10 हजार रूपय देने की घोषणा की।
लोकतंत्र में मीडिया के विषय पर भूमिका पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरष्ठि पत्रकार डा. रामविद्रोही ने कहा कि आखिर यह सवाल क्यों उठ रहा है कि लोकतंत्र में मीडिया की क्या भूमिका होना चाहिए। उन्होने कहा कि कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका को लेकर सामाजिक और राजनैतिक स्थर पर सवाल उठते रहे और कहा गया कि तीन खम्बे मजबूत नहीं हो सकते हैं इसको सम्पूर्ण आकार देने के लिए खबरपालिका भी जरूरी है। इसलिए मीडिया को चौथा स्तम्भ कहा गया है। उन्होने कहा कि आप अखबार में सुन्दर और आकर्षक तो हैं। मगर खबरों को लेकर अखबारों में प्राण नहीं है। क्योंकि पूरे अखबार में एक खबर भी ऐसी नहीं होती जिसको पढने के लिए पाठक मजबूर हों। इसलिए जरूरी है कि खबर लिखते वक्त पत्रकार ध्यान रखें कि शोषित, पीडित एवं वंचित वर्गों के लोगों को न्याय दिलाने वाली खबर हो, इससे लोगों में खबरों के प्रति विश्वास बढ़ेगा।
डा. विद्रोही ने कहा कि प्रशासनिक अमला मंत्री और विधायकों के साथ बैठकों तक सिमित रहता है। होना यह चाहिए कि दूर दराज से आने वाले पीडित लोगों से मिलने का और समस्या निराकरण करने का समय होना चाहिए। उन्होने पत्रकारों का आव्हान किया कि वे चाटुकारिता की पत्रकारिता से बचें और अगर लाभ कमाना ही है तो तेल का धंधा शुरू करें। उन्होने कहा कि खबर शोषित, वंचित और पीडित के पक्ष में लिखते हुए विश्वसनीय होना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विधायक श्री मुन्नालाल गोयल ने कहा कि आज देश में तीन प्रमुख स्तम्भ है। उनकों आइना दिखाने का काम मीडिया कर रहा है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है कि चारों खम्बों को समनव्य के साथ काम करना होगा। उन्होने कहा कि लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका प्रभावी है। लेकिन मीडिया में भी गिरावट आई है। जो चिंता का विषय है। उन्होने मीडिया से आव्हान किया कि कमजोर, शोषित और पीडितों की मदद के लिए काम करना चाहिए।