रायरू डिस्टलरी का औचक निरीक्षण करने पहुँचे कलेक्टर
ग्वालियर:- मंगलवार को कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी रायरू स्थित डिस्टलरी का निरीक्षण करने पहुँचे। उन्होंने फैक्ट्री में बनने वाली देशी शराब की यूनिट को देखा। पैकेजिंग प्लांट में काम कर रहे कर्मचारियों से चर्चा भी की। कुछ कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें दैनिक मजदूरी के रूप में 260 रूपए मिलते हैं, जबकि पीएफ आदि का भी लाभ नहीं मिलता। इस पर कलेक्टर ने एक्शन लेते हुए असिस्टेंट लेबर कमिश्नर को प्रकरण बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने मिक्सिंग प्लांट, डायवर्सन शुल्क, सीएसआर फण्ड से तीन वर्षों में किए गए कार्यों, डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान, डिस्टलरी की स्टॉक पंजी आदि का भी अवलोकन किया। मिक्सिंग प्लांट में मौके पर ही कैमीकल के साथ अनाज को मिलाकर बनाई जा रही शराब के सेम्पल लिए गए। उन्होंने डिस्टलरी की स्टॉक पंजी को देखा तथा कितनी मात्रा में भारत के विभिन्न क्षेत्रों में वेयर हाउस में भेजी जाने वाली शराब एवं ग्वालियर के वेयर हाउस में कब कितनी मात्रा में शराब भेजी गई है, इसकी जानकारी ली। वर्तमान में आचार संहिता लागू है। संदिग्ध अवैध शराब के मामले में आबकारी विभाग को जाँच करने के निर्देश दिए हैं।
इस दौरान उनके साथ उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनूप कुमार सिंह, एडीएम श्री संदीप केरकेट्टा, एसडीएम ग्वालियर सिटी श्री प्रदीप तोमर, असिस्टेंट लेबर कमिश्नर सहित फूड सेफ्टी, इंडस्ट्रीयल सेफ्टी, एक्साइज के अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने भू-राजस्व की जानकारी ली और डायवर्सन है या नहीं, यदि डायवर्सन है तो डायवर्सन शुल्क की कितनी राशि जमा की गई है एवं कितनी राशि शेष है। इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा की। साथ ही कुछ किसानों ने पूर्व में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत भी की थी। इस संबंध में एसडीएम श्री प्रदीप तोमर को भूमि का सत्यापन के निर्देश दिए हैं। जब कलेक्टर निरीक्षण के लिए पहुँचे तो वहाँ पर बड़ी मात्रा में कोयले का भण्डारण एवं डीजल की खपत के संबंध में भी संबंधित विभाग को जाँच करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर श्री चौधरी ने स्पष्ट कहा है कि डिस्टलरी का संचालन नियमानुसार किया जाए। यहाँ के वेस्ट मटेरियल की जाँच के लिए भी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को लिखा गया है। उन्होंने कहा है कि यह बड़े एरिये में फैली है। यहाँ बड़ी संख्या में कर्मचारी तैनात हैं। फैक्ट्री का डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान होना चाहिए। साथ ही यहाँ काम करने वाले कर्मचारियों को उन्हें मिलने वाले जरूरी लाभ मिलना चाहिए।