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न्यायालय के लंबित मामलों को गंभीरता से लें:- कलेक्टर

न्यायालय के लंबित मामलों को गंभीरता से लें:- कलेक्टर

ग्वालियर:- कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने पिछ्ले तीन वर्षों के प्रकरणों की जानकारी मांगी है। उन्होंने सभी शासकीय अभियोजक से जानकारी देने को कहा है। उन्होंने बैठक में संबंधित एसडीएम को भी निर्देश दिए हैं कि न्यायालय के लंबित मामलों को गंभीरता से लें और लंबित मामलों में समय पर जवाब पेश किया जाए। तहसीलदार, नायब तहसीलदार किसी की भी लापरवाही नहीं दिखना चाहिए। अन्यथा संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही होगी।
रविवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में न्यायालयीन प्रकरणों के संबंध में बैठक आयोजित की गई। बैठक में एडीएम श्री संदीप केरकेट्टा, समस्त एसडीएम एवं गवर्नमेंट प्रॉसिक्यूटर श्री बृजमोहन श्रीवास्तव सहित अन्य शासकीय अभियोजक एवं सहायक अभियोजक उपस्थित थे।
बैठक में यह स्पष्ट कहा गया है कि राज्य मुकदमा नीति 2018 में विभिन्न प्रावधान लागू किए गए हैं। इसके अनुसार कार्यवाही भी होना चाहिए। शासकीय भूमि अथवा संपत्तियों के जिन मामलों में न्यायालय में सरकार के दावे को अस्वीकार किया गया है ऐसे मामलों में जिला कलेक्टर द्वारा अपील की जा सकती है। विशेषकर पचास लाख से अधिक की सम्पति के मामलों को विशेष तौर पर देखा जायेगा। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है।
कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने कहा है कि जिला न्यायालय में लंबित मामलों की अब प्रतिमाह समीक्षा की जाएगी। सभी एसडीएम अपने अपने क्षेत्र के लंबित मामलों की समीक्षा करें। संभागायुक्त स्तर पर भी इसकी समीक्षा होगी। इसलिए न्यायालयीन प्रकरणों की मॉनिटरिंग करें। शासकीय अभियोजक अथवा अधिवक्ताओं के साथ समन्वय रहे। बिना किसी कारण के प्रकरणों के जबाब लंबित न रहें।

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