उपचार के लिए आए मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होना चाहिए – संभागीय आयुक्त
ग्वालियर:- जयारोग्य चिकित्सालय में उपचार के लिए आए मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होना चाहिए। मरीजों को वार्ड तक ले जाने के लिए पर्याप्त संख्या में स्ट्रेचर रखे जाएं। प्रत्येक स्ट्रेचर पर एक कर्मचारी की तैनाती की जाए, जो मरीज को वार्ड तक ले जाए। किसी भी स्थिति में मरीज के परिजन स्ट्रेचर को ले जाने की स्थिति नहीं बनना चाहिए। इसके लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात किए जाएं। उक्त निर्देश संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने अंतरविभागीय समन्वय समिति की बैठक में डीन मेडीकल कॉलेज एवं अधीक्षक मेडीकल कॉलेज को दिए हैं।
अंतरविभागीय समन्वय समिति की बैठक मंगलवार को मोतीमहल के मानसभागार में आयोजित हुई। बैठक में संभागीय आयुक्त ने विभागीय योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में संभागीय उपायुक्त श्री विनोद भार्गव, डीन मेडीकल कॉलेज डॉ. भरत जैन, अधीक्षक जेएएच डॉ. मिश्रा सहित संभाग स्तरीय विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने कहा कि जयारोग्य चिकित्सालय में मरीजों की देखभाल में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होना चाहिए। अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज के साथ-साथ व्यवस्थाएं भी उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि अस्पताल में उपलब्ध सभी उपकरणों और मशीनों का उपयोग होना चाहिए। अस्पताल में उपलब्ध सभी उपकरण और मशीनें चालू हालत में रहें, यह भी सुनिश्चित किया जाए। अगर कोई मशीन खराब है तो तत्परता से उसको ठीक कराने की कार्रवाई की जाए।
संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने विभागीय अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि शासन की योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन प्रभावी रूप से सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कहा कि शासन स्तर एवं वरिष्ठ कार्यालयों से प्राप्त होने वाले पत्रों का जवाब सभी विभागीय अधिकारी समय पर प्रस्तुत करें। विभागीय अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के जो व्यक्तिगत प्रकरण हैं, उनका निराकरण भी समय पर हो।
उपार्जन की सभी व्यवस्थाएं समय रहते सुनिश्चित करें
संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने बैठक में कहा कि 25 मार्च से उपार्जन की प्रक्रिया प्रारंभ की जाना है। उपार्जन के लिए संभाग के सभी जिलों में व्यवस्थाएं समय रहते पूर्ण कर ली जाएं। सभी जिलों में खरीदी केन्द्रों का निर्धारण करने के साथ ही परिवहन की कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। इसके साथ ही भण्डारण के लिए समय रहते केन्द्रों का निर्धारण कर लिया जाए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि सभी जिलों में भण्डारण स्तर पर ही खरीदी केन्द्र बनें, इस पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
बैठक में बताया गया कि संभाग में 2 लाख 6 हजार से अधिक किसानों का पंजीयन किया गया है। इसके साथ ही 287 खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं। सभी जिलों में भण्डारण और परिवहन का प्लान तैयार कर लिया गया है।