सूचना के बाद बैठक में अनुपस्थित रहने वाले प्रिंटिंग प्रेस मालिकों को नोटिस जारी करें – कलेक्टर श्रीमती दास
मुरैना:- कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती प्रियंका दास ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान कोई भी ऐसी सामग्री का प्रकाशन या प्रसारण नहीं किया जा सकेगा। जिसमें उसके मुद्रक व प्रकाशक का नाम, पता अंकित न हों तथा कोई भी मुद्रक बिना पहचान पत्र प्राप्त किए किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रदत्त सामग्री का मुद्रण नहीं कर सकेगा जिसका उपयोग लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार साहित्य के रूप में किया जाना हो। उन्होनें कहा कि चुनाव संबंधी प्रिंटिंग प्रेस मालिको की बैठक आज जिला स्तर पर आयोजित की गई। बैठक से सूचना के बाद भी प्रिंटिंग प्रेस मालिक अनुपस्थित रहें, उनको नोटिस जारी किये जाये। इसके साथ ही ऐसे प्रिंटिंग प्रेस जो बिना लायसेंस के संचालित है। उनके प्रिंटिंग प्रेस का एसडीएम निरीक्षण करें, अवैध पाये गये तो ताला डालने की कार्यवाही करें। उन्होनें कहा कि वीडियो सर्विस लेंस भी इन प्रिंटिंग प्रेस का निरीक्षण करें।
कलेक्टर श्रीमती दास ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 127 (क) के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति ऐसी निर्वाचन पुस्तिका जिसके मुख्य पृष्ठ पर उसके मुद्रक और प्रकाशक का नाम और पता न हो मुद्रित और प्रकाशित नहीं करेगा और न ही मुद्रित और प्रकाशित कराएगा। इसके लिए प्रकाशन कराने आए व्यक्ति का पहचान पत्र व दो अन्य व्यक्तियों की गवाही के आधार पर ही सामग्री का मुद्रण कर सकता है। उन्होंने कहा कि प्रेस मालिक मुद्रित कराने आई सामग्री का अपने स्तर पर भी अध्ययन करें कि उस सामग्री में कोई भी ऐसी बात सम्मलित न की गई हो जो संविधान की मूल अवधारण के विरूद्ध हो और समाज में धर्म, जाति, भाषा या क्षेत्र के आधार पर द्वेष फैलाने वाली हो। उन्होनें कहा कि प्रिंटिंग प्रेस पर होने वाला व्यय सहित अभ्यर्थी को 70 लाख रूपये लोकसभा निर्वाचन में व्यय करने की अधिकतम सीमा है।
कलेक्टर ने बताया कि कोई व्यक्ति ऐसे निर्वाचन फ्लेक्स, पेम्पलेट का मुद्रण या प्रकाशन नहीं करेगा अथवा मुद्रित या प्रकाशित नहीं करवायेगा। कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचन पैम्प्लेट, पोस्टर आदि का मुद्रण नहीं करेगा अथवा करवायेगा जब तक कि प्रकाशक की पहचान की घोषण उनके द्वारा हस्ताक्षरित तथा दो व्यक्ति जो उनहें व्यक्तिगत रूप से जानते हो द्वारा सत्यापित न हों तथा जिसे उनके द्वारा दो प्रतियों में मुद्रक को न दिया जाये। तथा दस्तावेज के मुद्रण के पश्चात 3 दिवस के अंदर मुद्रक द्वारा प्रकाशित सामग्री की 4 प्रतियों के साथ प्रकाशक से प्राप्त घोषणा की एक प्रति डीईओ को भेजी जाये। जिला मजिस्ट्रेट प्रकाशित सामग्री की प्रतियां कार्यालय के मुख्य स्थान में प्रदर्शित करेंगे। ताकि सभी राजनैतिक दल, अभ्यर्थी अथवा इच्छुक व्यक्ति यह जांच लें कि दस्तावेजों के संबंध में काूननी अपेक्षाओं का विधिवत पालन हुआ है। उक्त उपबंधो का उल्लंघन होने पर संबंधित व्यक्ति को 6 महीने कारावास अथवा जुर्माना 2 हजार रूपये तक अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है।
उन्होंने निर्देश दिए कि सभी मुद्रक प्रकाशित सामग्री की एक प्रति अनिवार्य रूप से जिला निर्वाचन अधिकारी को उपलब्ध कराऐगें तथा मुद्रित सामग्री की संख्या व प्रकाशित कराने वाले प्राप्त राशि के बारे में भी बताऐगें। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी लेन देन चेक के माध्यम से ही किया जाऐ जिसकी जानकारी भी निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध कराई जावे। उन्होंने कहा कि एक्ट के प्रावधानों का उल्लघंन करने की स्थिति में संबंधित मुद्रक के खिलाफ दो हजार रूपयें का जुर्माना या छः माह का कारावास या दोनों का प्रावधान किया गया है। उन्होंने सभी मुद्रकों से एक्ट के प्रावधानों का पूर्णताः पालन करने की अपेक्षा भी की।