सामाजिक और आर्थिक तरक्की मिट्टी पर निर्भर
ग्वालियर:- मिट्टी का स्वास्थ्य हमारे शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए बहुत जरुरी है। मिट्टी स्वस्थ और संतुलित अवस्था में रहेगी तभी जीवन के लिए आवश्यक पेड़ पौधों, जीव जंतुओं का गुणवत्तायुक्त जीवन सुरक्षित रहेगा। स्वस्थ मिट्टी के बिना स्वास्थ्यप्रद और जरुरत अनुसार पैदावार नहीं हो सकती इसलिए मिट्टी की सेहत का परीक्षण कर खेतों में उसका समुचित उपचार किया जाना समय की मांग है।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर में दो दिवसीय नेशनल सेमीनार के समापन अवसर यह बात मुख्य अतिथि राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं प्रमंडल सदस्य प्रो. व्ही. एस. तोमर ने कही। कृषि महाविद्यालय ग्वालियर के सभागार में यह दो दिवसीय सेमीनार मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन की रणनीतियां, उपलब्धियां एवं अनुसंधान के विषय पर आयोजित किया जा रहा था।
समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस. के. राव ने कहा कि हमारा लक्ष्य किसानों की आमदनी दुगुना करना है मगर उसे पाने के लिए हमें किसानों की मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधारना होगा। आज जरुरत है कि मिट्टी की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक तीनों स्थितियों में संतुलन लाया जाए ताकि भविष्य में हमारे किसान स्वस्थ और बेहतर पैदावार कर आर्थिक प्रगति कर सकें।
अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डॉ. एम. पी. जैन ने दो दिवसीय सेमीनार को सफल बताते हुए कहा कि इसमें व्याख्यानों के जरिए मिट्टी की सेहत सुधार पर व्यापक चर्चा हुई जो मैदानी सुधार में उपयोगी साबित होगी। इससे पूर्व के सत्रों में देश प्रदेश के मृदा विज्ञानियों ने व्याख्यान दिए। सेमीनार के समापन अवसर पर उत्कृष्ट व्याख्यान एवं पोस्टर के लिए विभिन्न वैज्ञानिकों को पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर संचालन डॉ. वर्षा गुप्ता ने किया एवं आभार विभागाध्यक्ष मृदा विज्ञान डॉ. एस. के. वर्मा ने जताया। इस अवसर पर भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल के पूर्व निदेशक डॉ. सुब्बाराब, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. एस. पी. एस. तोमर सहित वैज्ञानिकगण एवं छात्र छात्राएं मौजूद थे।