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यूनीसेफ एवं महिला बाल विकास विभाग की संभागीय कार्यशाला

यूनीसेफ एवं महिला बाल विकास विभाग की संभागीय कार्यशाला

ग्वालियर:- ग्वालियर संभाग के आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने कहा है कि महिला एवं युवा सशक्तिकरण तथा बाल विवाह की रोकथाम के लिए केवल कानून बना देना ही पर्याप्त नहीं है। लोगों की मानसिकता को बदलने की महती आवश्यकता है। श्री बी एम शर्मा ने शनिवार को मोटल तानसेन में यूनीसेफ और महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयेजित युवा सशक्तिकरण एवं बाल विवाह रोकथाम के लिए आयोजित संभाग स्तरीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर यह बात कही।


कार्यशाला में चाईल्ड प्रोटेक्शन स्पेशिलिस्ट श्री लौलीचेन पी.जे., कोर्डिनेटर सुश्री अद्वैता मराठे, महिला एवं बाल विकास विभाग भोपाल के संयुक्त संचालक श्री सुरेश तोमर, चंबल संभाग के संयुक्त संचालक श्री डी के सिद्धार्थ, ग्वालियर की संयुक्त संचालक सुश्री सीमा शर्मा के साथ ही ग्वालियर संभाग के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, आदिम जाति कल्याण और पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने कहा कि बाल विवाह रोकने और महिला सशक्तिकरण के लिए केन्द्र सरकार और मध्यप्रदेश सरकार ने अनेक कानून बनाए हैं। कानून के दायरे में कार्य भी किया जा रहा है। लेकिन केवल कानून बना देना ही इसका हल नहीं है। इसके लिए लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए माहौल उनके घर से बनाने की मानसिकता को विकसित करना होगा।


संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने कहा कि हम सब लोग अपने घर की बच्चियों को ही समझाते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं । हमें अपने बच्चों की गतिविधियों पर भी निगरानी रखना चाहिए। वे सही मार्ग पर चल रहे हैं कि नहीं इसकी भी मॉनीटरिंग परिवार को करना चाहिए। उन्होंने बाल विवाह के संबंध में कहा कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए सरकार के प्रयास के साथ-साथ एनजीओ, सामाजिक संगठनों और नागरिकों की सहभागिता से निरंतर प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि बाल विवाह में कमी तो आई है परंतु इस पर पूर्णत: रोक अभी भी नहीं हुई है।
महिला बाल विकास विभाग भोपाल के संयुक्त संचालक श्री सुरेश तोमर ने कार्यशाला में कहा कि बाल विवाह की रोकथाम के साथ ही महिला सशक्तिकरण और युवा सशक्तिकरण के लिए प्रदेश सरकार के अलग-अलग विभागों में कई कार्यक्रम और योजनाएं संचालित हैं। सभी विभाग अपने-अपने विभाग की योजनाओं पर कार्य भी कर रहे हैं। सभी विभागों की योजनाओं को एक छत के नीचे लाकर समन्वित प्रयास करने की आवश्यकता है। यूनीसेफ एवं महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संभाग स्तरों पर आयोजित कार्यशालाओं में विस्तृत प्लान तैयार कर एक कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इस कार्ययोजना के आधार पर प्रदेश स्तर से एक नीति तैयार कर सभी योजनाओं को समायोजित करते हुए महिला सशक्तिकरण और बाल विवाह की रोकथाम हेतु नीति निर्धारण किया जाएगा।


संयुक्त संचालक श्री सुरेश तोमर ने कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग में बाल विवाह और बच्चियों के जन्म के अनुपात में सबसे ज्यादा अंतर है। इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा काम करने की आवश्यकता है। इसका सबसे प्रमुख कारण बाल विवाह भी है। समाज के सभी वर्गों को जोड़कर इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
कार्यशाला में यूनीसेफ के चाईल्ड प्रोटेक्शन स्पेशिलिस्ट श्री लौलीचेन पी.जे ने कार्यशाला के उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर के सभी संभागीय मुख्यालयों पर कार्यशालाओं का आयोजन कर एक विस्तृत प्लान तैयार किया जा रहा है। कार्यशाला में आने वाले सुझावों को भी कार्ययोजना में शामिल किया जायेगा।
कार्यशाला के प्रारंभ में संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास श्रीमती सीमा शर्मा ने कार्यशाला की विस्तृत कार्ययोजना के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने ग्वालियर संभाग के सभी जिलों से आए अधिकारियों का स्वागत भी किया और कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।

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