किसानों की उन्नति के लिए बढ़या हाथ : कमलनाथ
ग्वालियर:- अपने वचनों के प्रति प्रतिबद्ध मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री कमलनाथ जी की स्पष्ट मान्यता है कि प्रदेश की समृद्धि का मार्ग किसानों के खेतों से होकर ही गुजरता है। खेत खुशहाल होंगे तब ही प्रदेश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सकेगा।
कांग्रेस अपने वचन पत्र के माध्यम से चुनाव अभियान के दौरान जब प्रदेश में बदलाव की बुनियाद रख रही थी तब ही यह बात स्पष्ट हो गई थी कि कांग्रेस सरकार की पहली प्राथमिकता अन्नदाता किसान होंगे और प्रदेश के किसानों के प्रतिसाद का ही परिणाम है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस को प्रदेश के नागरिकों की सेवा का अवसर प्राप्त हुआ है।
1) पहला वचन निभाया कर्जमाफी की ओर कदम बढ़ाया:
17 दिसंबर 2018 को कमलनाथ जी ने शपथ लेते ही सबसे पहले किसानों को दिया अपना वचन निभाया और 2 लाख रुपये तक का प्रदेश के किसानों का जय किसान फसल ऋण माफी योजना की घोषणा की। तत्पश्चात 5 जनवरी 2019 को मंत्रिमंडल ने भी इस पर अपनी मोहर लगा दी। जबकि विरासत में कमलनाथ सरकार को प्रदेश का आर्थिक रूप से बदहाल खजाना भाजपा ने सौंपा था। किसानों की ऋण माफी के लिए ये बात एक बड़ी चुनौती थी, मगर चुनौतियों को अवसर में बदलने का नाम ही कमलनाथ है।
दूसरी बड़ी चुनौती कमलनाथ सरकार के सम्मुख यह थी कि बीते 15 वर्षो में भाजपा सरकार की सरपरस्ती में हजारों करोड़ रु किसानों के नाम फर्जी लोन बैंकों से धोखा धड़ी कर लूटे गए थे । तब कांग्रेस सरकार ने तय किया कि ऐसी प्रक्रिया अपनाई जाए कि किसानों को ही इस योजना का लाभ मिले और धोखाधड़ी करने वाले भी पकड़े जाए । जिन किसानों पर ऋण था उनकी सूचियां बैंक और सार्वजनिक स्थलों पर लगाई गई परिणाम यह हुआ कि बड़े पैमाने पर भाजपा सरकार के समय की किसानों के नाम पर की गई धोखाधड़ी पकड़ में आई जिन पर कार्यवाही की जा रही है ।
5 फरवरी तक राष्ट्रीकृत, क्षेत्रीय ग्रामीण और सहकारी बैंकों के 51 लाख आवेदन ग्राम पंचायतों में प्राप्त किये गए हैं।
2) कौन होंगे लाभान्वित किसान:
जो किसान दिनांक 31 मार्च 2018 की स्थिति में फसली ऋण से ग्रस्त थे उनका 2 लाख तक का कर्ज माफ किया जा रहा है। इतना ही नही 31 मार्च 2018 से 12 दिसंबर 2018 तक जिन्होंने अपना कर्ज चुका दिया है उनको भी इस योजना का लाभ देते हुए उनके खातों में उनकी उतनी राशि जाएगी जितना उन्होंने अपना लोन 2 लाख तक चुका दिया है। इसके अलावा दिनांक 1 अप्रैल, 2007 अथवा उसके बाद लिया गया ऋण जो 31 मार्च 2018 तक । (कालातीत) हो गया है उन्हें भी इस योजना में शामिल किया गया है तथा जिन्होंने 12 दिसंबर 2018 तक अपना ऋण। चुका दिया है उन्हें भी इस योजना में शामिल किया गया है ।
3) 22 फरवरी, 2019 से किसान ऋण मुक्ति का होगा शंखनाद:
इस योजना का लाभ 22 फरवरी 2019 से किसानों को मिलना प्रारंभ हो जाएगा पहले चरण में चालू खाते के 10 लाख 30 हजार किसानों और खाता । हो चुके 15 लाख 20 हजार किसानों अर्थात 25 लाख 50 हजार किसानों को इसका लाभ मिलेगा किसानों के खातों में पैसा पहुंचना प्रारंभ हो जाएगा। इस जय किसान फसल ऋण माफी योजना में लगभग 50 लाख किसानों का 40 हजार करोड़ रूपये का ऋण माफ होगा।
4) देश में सबसे सस्ती बिजली मध्यप्रदेश के किसानों को दे रही कमलनाथ सरकार:
मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने 7 फरवरी, 2019 को किसानों के हक में क्रांतिकारी निर्णय लेते हुए यह तय किया कि 10 हॉर्स पावर तक के पंप वाले किसानों की बिजली की दरें आधी की जायेंगी। वर्तमान में 1400 रूपये प्रति हॉर्स पावर की दर से यह विद्युत दर निर्धारित की जाती थी, जिसे कमलनाथ सरकार ने एक दम आधा 700 रूपये कर दिया और मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य हो गया जहां किसानों को सबसे सस्ती दर अर्थात 44 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली का बिल देना होगा। इसके फलस्वरूप 19 लाख किसान लाभान्वित होंगे।