सिविल सर्जन और मुरार बीएमओ को नोटिस जारी करने के निर्देश
ग्वालियर:- मीजल्स-रूबेला अभियान के तहत जिले में अभी तक लगभग तीन लाख बच्चों को टीके लगाए जा चुके हैं। जिले में चिन्हित शतप्रतिशत बच्चों को टीके लगाने के लिए अभियान जारी है। इस आशय की जानकारी कलेक्टर श्री भरत यादव की अध्यक्षता में आयोजित हुई मीजल्स-रूबेला अभियान की जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में दी गई। श्री यादव ने बैठक में निर्देश दिए कि कोई भी बच्चा टीकाकरण से छूटना नहीं चाहिए। मालूम हो जिले में इस अभियान के तहत 3 लाख 81 हजार 253 बच्चों को टीकाकरण के लिए चिन्हित किया गया है। अभियान के तहत 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को टीके लगाए जा रहे हैं।
अभियान की समीक्षा के दौरान सिविल सर्जन और बीएमओ मुरार की उदासीनता सामने आने पर कलेक्टर श्री यादव ने इन दोनों अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को भी हिदायत दी कि जिन प्राइवेट स्कूलों द्वारा मीजल्स-रूबेला अभियान में सहयोग नहीं किया जा रहा है, उन स्कूलों की मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई करें। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी इस अभियान को और तेज करने पर जोर दिया। साथ ही कहा कि बच्चों को मध्यान्ह भोजन एवं पोषण आहार खिलाने के बाद ही टीके लगाए जाएं।
कलेक्टर ने शहरी क्षेत्रों के लिये गठित बी-टीम का बेहतर से बेहतर उपयोग करने पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने कहा आगामी कुछ दिनों में बोर्ड परीक्षाएं भी शुरू होंगीं। इसलिए इस अभियान को तेजी से जारी रखें।
कलेक्टर श्री यादव ने कहा कि एक टीके से बच्चों को दो घातक बीमारियों से बचाया जा सकता है। इसलिये इस पुनीत अभियान को समाज की भागीदारी से संचालित करें। उन्होंने कहा सरकारी व निजी स्कूलों तथा आँगनबाड़ी केन्द्रों सहित ईंट भट्टों, खदानों व क्रेशरों इत्यादि पर काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों पर भी विशेष फोकस करें, जिससे शतप्रतिशत बच्चों को टीके लग सकें।
बच्चों को मीजल्स और घातक बीमारियों से बचाने के लिये 15 जनवरी से रुबेला-मीजल्स टीकाकरण (एमआर वैक्सीन) अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत बालक-बालिकाओं को दाएँ बाजू में पीड़ारहित टीका लगाकर जानलेवा बीमारियों से बचाया जा रहा है।