सरकारी भवन के निर्माण में आवंटित बजट का हो शत-प्रतिशत उपयोग
भोपाल:- लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि सरकारी भवनों के निर्माण के लिये इस वर्ष आवंटित बजट का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने अब तक शुरू नहीं किये गये निर्माण कार्यों की जानकारी पर अप्रसन्नता व्यक्त की। लोक निर्माण मंत्री श्री वर्मा आज मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में सरकारी भवनों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव, लोक निर्माण श्री मोहम्मद सुलेमान भी मौजूद थे।
लोक निर्माण मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि विभागीय निर्माण कार्य में देरी होने से जन-सामान्य में लोक निर्माण विभाग की छवि बिगड़ती है। विभागीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि स्वीकृत निर्माण कार्य समय पर शुरू हों और नियत समय पर ही पूरे हों। उन्होंने कहा कि वचन-पत्र में किये गये वायदों का अक्षरश: पालन हो। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि विभाग द्वारा पूर्व के वर्षों में जिन भवनों का निर्माण किया गया था, यदि उनका रख-रखाव उचित तरीके से नहीं हो पा रहा है, तो वहाँ बहु-मंजिला भवन निर्माण का प्रस्ताव प्राथमिकता के साथ तैयार किया जाये।
बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि पीडब्ल्यूडी को जिन सरकारी भवनों के निर्माण के लिये भूमि आवंटित की जाती है, भवन निर्माण के पहले उस साइट का हर दृष्टिकोण से परीक्षण कर लिया जाये। उन जगहों पर भवनों का निर्माण कतई न किया जाये, जिसका जनहित में उपयोग न हो सके। विभागीय अधिकारी उन कार्यों में टेण्डर की प्रक्रिया शुरू न करें, जिन भवनों के लिये संबंधित विभाग द्वारा भूमि आवंटित नहीं कराई गई हो।
बैठक में बताया गया कि इस वर्ष पीडब्ल्यूडी द्वारा 1200 सरकारी भवनों के निर्माण को पूरा करने का कार्यक्रम तैयार किया गया था। इनमें से 500 भवनों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। स्वीकृत किये गये 3000 करोड़ रुपये के कार्यों में से अब तक विभाग द्वारा 1800 करोड़ रुपये लागत के कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। प्रदेशभर में शाला भवन, छात्रावास भवन, स्वास्थ्य केन्द्र भवन, राजस्व एवं विधि विभाग के न्यायालय भवन, आईटीआई, मेडिकल कॉलेज भवन आदि के कार्य करवाये जा रहे हैं।
बैठक में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के गोडाउन निर्माण के कार्य की प्रगति की विशेष रूप से चर्चा की गई। प्रमुख सचिव, लोक निर्माण ने पूर्व वर्षों के लम्बित कार्यों को भी कार्य-योजना बनाकर शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये।