सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट किये गये फोटो, वीडियो, मैसेज और कमेंट्स के प्रमाणन की आवश्यकता नहीं।
भोपाल- भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान वेबसाईट, ब्लाँग अथवा ट्विटर, फेसबुक जैसे स्वयं के सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट और अपलोड की जाने वाली राजनैतिक सामग्री मसलन मैसेज, कमेंट्स, फोटो एवं वीडियो का पूर्व प्रमाणन कराने की आवश्यकता नहीं होगी।
आयोग ने कहा कि यदि कोई राजनैतिक दल अथवा उम्मीदवार भी स्वयं के ब्लॉग, वेबसाईट अथवा सोशल मीडिया एकाउंट पर इस तरह की सामग्री चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पोस्ट या अपलोड करता है तो उसे राजनैतिक विज्ञापन नहीं माना जायेगा और इसके लिए उसे मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मॉनीटरिंग कमेटी से प्री-सर्टिफिकेशन की आवश्यकता नहीं होगी।
निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अपने स्वयं के सोशल मीडिया एकाउंट, वेबसाईट, ब्लॉग एवं ई-मेल आई.डी. का उल्लेख नाम-निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत किये जाने वाले शपथ पत्र में अनिर्वाय रूप से करना होगा। हालांकि आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि ब्लॉग, वेबसाईट अथवा सोशल मीडिया के स्वयं के एकाउंट से पोस्ट या अपलोड किये गये मैसेज, कमेंट्स, चित्र एवं वीडियो से यदि किसी व्यक्ति, समुदाय, धर्म, सम्प्रदाय की भावनायें आहत होती है तो उसे आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में माना जायेगा और इसके लिए उस व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही भी की जायेगी।
भारत निर्वाचन आयोग ने समाचार पत्रों के ई-पेपर पर दिये जाने वाले राजनैतिक विज्ञापनों के बारे में भी स्थिति स्पष्ट की है। आयोग ने कहा है कि ई-पेपर पर दिये जाने वाले राजनैतिक विज्ञापन का भी प्री-सर्टिफिकेशन संबंधित राजनैतिक दल या उम्मीदवारों को कराना जरूरी होगा।