मोदी सरकार राम मंदिर पर शीतकालीन सत्र में ला सकती है कानून।
नई दिल्ली- मोदी सरकार पर चौतरफा दबाव बनता जा रहा है कि वो राम मंदिर के निर्माण के लिए सदन में क़ानून लाए और अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विजयदशमी कार्यक्रम में मोहन भागवत के बयान से, संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा कि राम मंदिर के लिए कानून बनाना चाहिए। अगर भागवत यह बात कह रहे हैं तो वो एक तरह से सीधे सरकार को इशारा कर रहे हैं कि संघ और भाजपा के समर्थकों और राम के प्रति आस्था रखने वालों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार को सदन में राम मंदिर के लिए क़ानून लाना चाहिए।
दूसरी ओर संतों ने सरकार को इस मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया है कि मंदिर निर्माण में देरी वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। संतों का कहना है कि क्या भाजपा मंदिर निर्माण का अपना वादा भूल गई है और क्यों सुप्रीम कोर्ट के फैसले के इंतज़ार का बयान पार्टी की ओर से बार-बार दिया जा रहा है। संतों के एक बड़े वर्ग और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े महंतों ने इस वर्ष 6 दिसंबर से अयोध्या में मंदिर निर्माण की घोषणा कर दी हैमोदी सरकार के लिए आगामी शीतकालीन सत्र इस सरकार का अंतिम सत्र होगा. इसके बाद का बजट सत्र एक मध्यावधि बजट के साथ समाप्त हो जाएगा और देश आम चुनाव में लग जाएगा. चुनाव से ठीक पहले अपने मतदाताओं के बीच राम मंदिर के लिए विश्वास जताना सरकार के लिए ज़रूरी है. देखना यह है कि सरकार इस विश्वास को जताने के लिए किस सीमा तक जाती है।