कु. मोनिका भारद्वाज को दिया संबंल “कहानी सच्ची है”
गणेशपुरा निवासी कु. मोनिका भारद्वाज के परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उसने पढ़ाई छोड़ने का मन बना लिया था। किन्तु दीनदयाल अन्त्योदय योजना ने उनके जीवन को सबारने का कार्य किया। अब कु. मोनिका भारद्वाज स्नातक करने जुट गई है।
कु. मोनिका भारद्वाज ने बताया कि मैं मैथमैट्रिक्स से 12 वी कक्षा उत्तीर्ण थी। किन्तु पिता श्री महेश भारद्वाज साईकिल पंचर को जोड़ने का कार्य करते थे। घर की आर्थिक तंगी के कारण मोनिका ने पढ़ाई छोड़कर घर बैठने का मन बना लिया था। एक दिन समाचार पत्र में उसने कहा कि दीन दयाल अन्त्योदय योजना द्वारा कम्प्यूटर नेटवर्किंग का प्रशिक्षण 3 माह का नगर निगम द्वारा दिया जा रहा है। कु. मोनिका भारद्वाज ने नगर निगम द्वारा संचालित आई-सेक्टर में प्रवेश ले लिया और मन लगाकर 3 माह में कम्प्यूटर नेटवर्किग का कोर्स प्राप्त कर लिया। कु. मोनिका भारद्वाज ने घर पर ही कम्प्यूटर सेटर खोल लिया और 12 वी क्लास तक के छात्र-छात्राओं को कम्प्यूटर नेटवर्किंग का कार्य सिखाना शुरू कर दिया। कम्प्यूटर सेंटर अच्छा चल निकला जिससे कु मोनिका भारद्वाज को प्रतिमाह 5 हजार रूपये की बचत होने लगी। कु. मोनिका भारद्वाज 5 हजार रूपये से 50 प्रतिशत घर खर्च में पिता को सहारा देने लगी। और आधी राशि से अपने कॉलेज की फीस और अन्य कोचिंग फीस जमा करने लगी। अब कु. मोनिका भारद्वाज मैथ्स से बीएससी द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत है। अब कु. मोनिका घर खर्च में सहयोग भी कर रही है। और अपनी पढ़ाई भी जारी रखे है। उससे छोटी 1 बहन है एवं एक भाई है उनको भी अच्छी शिक्षा दिला रही है। कु. मोनिका भारद्वाज को दीनदयाल अन्त्योदय योजना ने संबंल प्रदान किया है। अब तो वह आत्मनिर्भर बनकर अपने पैरो पर खड़ी होकर अपने परिवार खर्चे में सहयोग कर रही है।