मप्र में एस सी/एस टी एक्ट का दुरुपयोग नहीं, जांच के बाद गिरफ्तारी: शिवराज
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा किए गए SC/ST एक्ट में बदलावों को केंद्र की मोदी सरकार ने बदल दिया. लेकिन इसका मध्यप्रदेश में पुरजोर तरीके से विरोध जारी है. विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़े मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को इसको लेकर बड़ा ऐलान किया.
शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश में जांच के बाद ही एससी-एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तारी होगी. बालाघाट में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए चौहान ने कहा कि प्रदेश में सभी वर्गों के हित सुरक्षित रखे जाएंगे, इसके लिए एससी/एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तारी जांच के बाद ही होगी.
चौहान से जब सवाल किया गया कि क्या राज्य सरकार केंद्र सरकार के अध्यादेश के एवज में कोई अध्यादेश लाएगी, तो उन्होंने कहा, “मुझे जो कहना था वो मैंने कह दिया.”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सवर्ण, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति सभी वर्गों के हितों को सुरक्षित रखा जाएगा, जो भी शिकायत आएगी, उसकी जांच के बाद ही किसी की गिरफ्तारी होगी.
सर्वोच्च न्यायालय ने एससी/एसटी एक्ट के मामले में बड़ा फैसला सुनाया था और जांच के बाद ही प्रकरण दर्ज करने की बात कही थी, मगर केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को बदल दिया था.
इस अध्यादेश के मुताबिक, एससी/एसटी समाज के व्यक्ति द्वारा शिकायत किए जाने पर बिना जांच के मामला दर्ज किया जाएगा और आरोपी छह माह के लिए जेल जाएगा. केंद्र के इस फैसले के खिलाफ मध्यप्रदेश में विरोध प्रदर्शन का दौर लगातार जारी है.