धोखाधड़ी की तो लगेगा 2 लाख का जुर्माना
रेलवे सिर्फ अपने बुनियादी ढांचे में ही सुधार नहीं कर रहा है बल्कि यह अपनी सुविधाओं का दुरुपयोग और छेड़छाड़ करने वालों के लिए भी काम कर रहा है। कितनी बार होता है कि आप टिकट बुक करते हैं लेकिन आपको उसकी पुष्टि नहीं होती है। लेकिन ऐसा अकसर होता है। इसके पीछे धीमी वेवसाइट के अलावा घोटाला भी एक कारण है। बता दें कि 2 मई को रेलवे ने एक व्यक्ति को मुंबई से गिरफ्तार किया था, जो कथित रूप से एक नकली सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सिस्टम के साथ छेड़छाड़ कर रहा था। लेकिन अब भारतीय रेलवे ऐसी सभी घटनाओं को रोकने के लिए अलर्ट हो गया है। ऐसा करने वालों के खिलाफ रेलवे की पैनी नजर है। यही नहीं ई-टिकट धोखाधड़ी करने वालो को दंडित करने के प्रावधान 1989 में संशोधन करने का भी विचार किया जा रहा है। वर्तमान में अधिनियम ई-टिकट धोखाधड़ी की कल्पना नहीं करता है। लेकिन उन्हें दंडित करने का प्रावधान है जो इस तरह से टिकट बेचते हैं।