निष्पक्ष चुनाव के लिए धन-बल का प्रयोग रोका जाएगा
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्ही.एल. कान्ता राव ने कहा है कि प्रदेश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव में धन-बल के प्रयोग को रोका जाएगा। निर्वाचन व्यय निगरानी से गैर कानूनी तरीकों से चुनाव परिणाम को प्रभावित करने वालों पर अंकुश लगाया जाएगा। चुनाव प्रणाली में आम जनता का विश्वास बनाये रखने लिए आवश्यक है कि सभी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के समान अवसर मिलें। निर्वाचन व्यय निगरानी के लिए 12 ऐजेंसियों के कार्यो की निरन्तर समीक्षा की जा रही है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही एवं चैकिंग करने के निर्देश जारी किए गए हैं। आगामी विधानसभा निर्वाचन-2018 के लिए निर्वाचन व्यय निगरानी के लिये जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला आज आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा प्रशासन अकादमी, भोपाल में आयोजित की गई।कार्यशाला में संचालक, भारत निर्वाचन आयोग, श्री विक्रम बत्रा ने कहा कि नैतिक एवं विश्वसनीय चुनाव करवाने में नोडल अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण तथा चुनौतीपूर्ण है। श्री बत्रा ने अवैध धन के उपयोग को रोकने के लिए व्यय पर्यवेक्षक, सहायक व्यय पर्यवेक्षक, वीडियो सर्विलेन्स टीम, आयकर, आबकारी, बैंक, एयरपोर्ट अथॉरिटी, सी.आई.एस.एफ., नारकोटिक्स विभाग एवं पुलिस की भूमिका की जानकारी दी।आचार संहिता की घोषणा के साथ ही व्यापक स्तर पर जाँच अभियान चलाया जाए। प्रचार गाड़ी में राशि, प्रलोभन सामग्री, नशीले पदार्थ, हथियार मिलने पर गाड़ी जप्त कर कानूनी कार्यवाही की जाए। किसी भी जाँच कार्यवाही की अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी करवाई जाएं और जप्त की गई किसी भी सामग्री की वीडियोग्राफी करवाकर उसकी पावती संबंधित को दी जाए।