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Homeअंचलपहली बार ऐसा बंद; आयोजक हाथ जोड़ रहे थे, एक पत्थर भी नहीं चला

पहली बार ऐसा बंद; आयोजक हाथ जोड़ रहे थे, एक पत्थर भी नहीं चला

पहली बार ऐसा बंद; आयोजक हाथ जोड़ रहे थे, एक पत्थर भी नहीं चला

एससी-एसटी एक्ट के विरोध में गुरुवार को ग्वालियर बंद नजीर बन गया। पहली बार बंद के दौरान शहर के 20 थाना क्षेत्रों में हिंसा या जबर्दस्ती दुकानें बंद कराने की एक भी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई।बंद का आयोजन करने वाले सपाक्स व अन्य सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के हाथों में लाठी-डंडे नहीं थे बल्कि वे दुकान खुली मिलने पर कारोबारी से हाथ जाेड़कर समर्थन देने की अपील कर रहे थे। इसके बाद भी बंद सफल रहा। न दूध डेयरियों से दूध बिका न मेडिकल स्टोर से दवाएं। शहर के सभी प्रमुख बाजार बंद रहे। स्कूल कॉलेज नहीं खुले, पेट्रोल पंप भी शाम 4 बजे के बाद ही खुले। हालांकि बंद दोपहर 3.30 बजे रक्षक मोर्चा के सदस्य प्रभात सिंह राजावत और छोटू भदौरिया को राज्यसभा सांसद प्रभात झा के बंगले पर धिक्कार पत्र और काले झंडे लगाने की तैयारी से पहले पकड़ लिया गया। सूचना मिलते ही अन्य सदस्य पहुंच गए। इसके बाद मोर्चा के सदस्य जब झा के बंगले के बाहर ही धरने पर बैठ गए ताे पुलिस ने दोनों को छोड़ दिया।

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