a
Copyright Hindustan Media Diary
जहाँ गाय का कुल वहीं गोकुल, गोवंश का पालन करने वाला गोपाल :- मुख्यमंत्री-फारेस्ट रेंजरो के पदस्थापना आदेश जारी, देखें सूची?-भारतीय वन सेवा के आधिकारियों के तबादले!-अनियमितता एवं गंभीर लापरवाही के चलते 4 इंजिनियर निलंबित!-सिविल सर्जन को हटाने के लिए कलेक्टर ने लिखा स्वास्थ्य आयुक्त को पत्र!-प्रदूषण नियंत्रण के लिए परिवहन विभाग की व्यवस्था के साथ आरव्हीसीएफ सेंटर शुरू!-निगमायुक्त ने कार्य व्यवस्था के चलते कर्मचारियों/आधिकारियों के मध्य किया कार्य विभाजन!-राज्य पुलिस सेवा के आधिकारियों के तबादले!-सहायक यंत्री का एक माह का वेतन राजसात करने के लिए नोटिस जारी!-अनियमितता, लापरवाही और उदासीनता बरतने पर चिकित्सा अधिकारी निलंबित!
Homeअंचल3000 करोड़ का एक और बड़ा घोटाला

3000 करोड़ का एक और बड़ा घोटाला

3000 करोड़ का एक और बड़ा घोटाला

मध्य प्रदेश में व्यापमं घोटाले के बाद अब एक और बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसने शिवराज सरकार की नींद उड़ा दी है। बताया जा रहा है कि यह घोटाला तीन हजार करोड़ रुपये का है।जानकारी के मुताबिक, ऑनलाइन प्रक्रिया में छेड़छाड़ कर इस बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है। आशंका है कि यह घोटाला कई सालों से चल रहा था, जिसका खुलासा इसी साल मई महीने में हुआ है।

बताया जा रहा है कि जो अधिकारी इस घोटाले की जांच कर रहा था, उसे जांच से हटाकर किसी और अधिकारी को यह सौंप दी गई है। इससे निष्पक्ष जांच पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में चुनाव से कुछ महीने पहले इस घोटाले का सामने आना निश्चित तौर पर शिवराज सरकार के लिए एक बड़ी मुश्किल है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी साल मार्च महीने में मध्य प्रदेश जल निगम की ओर से तीन कॉन्ट्रैक्ट दिए जाने थे, जिसके लिए बोली भी लगाई गई थी। हालांकि जल निगम को पहले ही आगाह किया गया था कि ऑनलाइन दस्तावेजों में छेड़छाड़ की जा रही है। आरोप है कि इसके बारे में शीर्ष अधिकारियों को जानकारी थीमध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन उस ऑनलाइन पोर्टल को चलाता है, जिससे छेड़छाड़ की गई है। इसके बाद विभाग के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष रस्तोगी ने इसकी जांच कराई, जिसमें पता चला कि तीनों कॉन्ट्रैक्ट की नीलामी प्रक्रिया को बदल दिया था।सूत्रों की मानें तो आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पुलिस भी जांच में नरमी बरत रही है। वहीं, कांग्रेस ने पीएम मोदी को इस संबंध में एक पत्र भी लिखा है, जिसमें ई-टेंडर घोटाले की जांच सीबीआई या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करने की मांग की गई है।

Share With:
Rate This Article

hindustanmediadiary@gmail.com

No Comments

Leave A Comment