मथुरा में कैसे मनाई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
कान्हा की नगरी मथुरा में श्रीकृष्ण का जन्म समारोह सोमवार को शहनाई एवं नगाड़ा वादन के साथ शुरू होगा। प्रसिद्ध भागवताचार्य विभू महराज ने बताया कि कान्हा की नगरी उत्तर प्रदेश के मथुरा में जन्माष्टमी अलग अलग मंदिरों में अलग अलग तरीके से मनाई जाती है। यहां के किसी मंदिर में श्री कृष्ण के बालस्वरूप में जन्माष्टमी मनाई जाती है तो कहीं बच्चे के रूप में मनाई जाती है। किसी मंदिर में दिन में तो कहीं रात में जन्माष्टमी मनाई जाती है। साधु संतगण ठाकुर का आशीवार्द लेने के लिए 84 कोस की परिक्रमा करते है।
उन्होने बताया कि ब्रज का हर मंदिर जन्माष्टमी के आयोजन के लिए मशहूर है। मथुरा भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली होने के कारण यहां तीर्थयात्रियों का जमावड़ा लगा रहता है। यहां स्थित जेल में ही कान्हा ने मानव रूप में जन्म लिया था।का अभिषेक स्वर्ण मण्डित रजत गौ विग्रह के पयोधरों से निकली दुग्धधारा से होगा। ठाकुरजी के अभिषेक से पूर्व गौमाता का पूजन कर देवताओं का आव्हान किया जायेगा