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Homeइंदौरभोपाल और इंदौर मेट्रो रेल के लिए नई दिल्ली में हुआ एम.ओ.यू.

भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल के लिए नई दिल्ली में हुआ एम.ओ.यू.

भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल के लिए नई दिल्ली में हुआ एम.ओ.यू.

भोपाल:- भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए सोमवार को नई दिल्ली में भारत सरकार, मध्यप्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन के बीच एम.ओ.यू. हुआ। केन्द्रीय शहरी और आवास मामलों के मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी और प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह की उपस्थिति में एम.ओ.यू. हुआ। प्रोजेक्ट केन्द्रीय मंत्री-मंडल द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने बताया कि भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 27.87 किलोमीटर में दो कॉरिडोर बनेंगे। एक कॉरिडोर करोंद सर्कल से एम्स तक 14.99 किलोमीटर और दूसरा भदभदा चौराहे से रत्नागिरि चौराहा तक 12.88 किलोमीटर का होगा। इसकी कुल लागत रूपये 6941 करोड़ 40 लाख होगी।

इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 31.55 किलोमीटर की रिंग लाइन बनेगी। यह बंगाली चौराहा से विजयनगर, भँवर शाला, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक जायेगी। इसकी कुल लागत 7500 करोड़ 80 लाख है।

प्रमुख बातें

भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन द्वारा किया जायेगा। यह कंपनी अब भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार की 50:50 ज्वाइंट वेंचर कंपनी में परिवर्तित होगी। कंपनी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) के रूप में कार्य करेगी। कंपनी का एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स होगा। इसमें 10 डायरेक्टर होंगे। भारत सरकार बोर्ड के चेयरमेन सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी। प्रदेश सरकार मैनेजिंग डायरेक्टर सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी।

प्रोजेक्ट में प्रदेश सरकार भूमि अधिग्रहण, पुर्नस्थापन और पुनर्वास में आने वाला पूरा खर्च वहन करेगी। भोपाल मेट्रो के लिए यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक और इंदौर मेट्रो के लिए एशियन डेव्हलपमेंट बैंक तथा न्यू डेव्हलपमेंट बैंक से लोन भी लिया जायेगा। भारत सरकार इक्विटी शेयर केपिटल खरीदेगी, जिससे प्रोजेक्ट के लिये बहुपक्षीय और द्विपक्षीय लोन की सुविधा मिल सके।

प्रोजेक्ट में आने वाली कठिनाइयों के जल्द निराकरण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बनायी जायेगी। कमेटी में संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव भी शामिल होंगे।

भारत सरकार प्रोजेक्ट के टेक्निकल स्टैण्डर्ड और स्पे‍सिफिकेशन्स को एप्रूव करेगी। सुरक्षा का सर्टिफिकेट मेट्रो रेलवे सेफ्टी के कमिश्नर देंगे।

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