कलेक्टर अनुराग चौधरी ने की सीएम हैल्पलाइन की समीक्षा
ग्वालियर:- कलेक्टर अनुराग चौधरी ने सोमवार को आयोजित टीएल बैठक में सीएम हैल्पलाइन की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने एक-एक कर अधिकारियों से पूछा कि इतनी शिकायतें लंबित क्यों हैं। विशेषकर एल-1 से शिकायतें एल-4 पर क्यों पहुँची हैं। एल-1 स्तर पर ही इनका संतुष्टिपूर्वक निराकरण क्यों नहीं किया गया और जो अधिकारी शिकायतों का विश्लेषण कर जवाब नहीं दे पाए, उन पर नाराजगी भी व्यक्त की। उन्होंने कहा है कि अगली बैठक में सभी अधिकारी विश्लेषण कर पूरी जानकारी के साथ आएं।
कलेक्टर अनुराग चौधरी ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से पूछा कि जननी सुरक्षा योजना के तहत जिन महिलाओं को समय पर राशि प्राप्त नहीं हुई है, उन्होंने सीएम हैल्पलाइन में शिकायत दर्ज की है और शिकायतों पर समय पर कार्रवाई नहीं की गई है। इसमें जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, उस पर कार्रवाई की जाए। संबंधित क्षेत्र के विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी व आशा कार्यकर्ता पर भी जुर्माना लगाया जाए। इसी प्रकार विधवा पेंशन व दिव्यांग पेंशन के संबंध में कहा कि ऐसे पात्र व्यक्ति जो लाभ से वंचित रह गए हैं, उन्हें चिन्हित करें। लापरवाही करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध निलंबन की कार्रवाई भी की जायेगी।
बैठक में अपर कलेक्टर अनूप सिंह, जिला पंचायत सीईओ शिवम वर्मा, एडीएम संदीप केरकेट्टा, अपर कलेक्टर रिंकेश वैश्य, एसडीएम, विभागीय जिला अधिकारी उपस्थित थे।
आरटीई के तहत स्कूलों में बच्चों को दिलाएं एडमिशन
कलेक्टर अनुराग चौधरी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों, जिला शिक्षा अधिकारी व जिला परियोजना समन्वयक से पूछा कि जिले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कितनी सीटें हैं। स्कूलों में कमजोर वर्ग के बच्चों को 25 प्रतिशत सीटों पर एडमिशन मिलना चाहिए। इसमें जिले के अच्छे स्कूलों में एससी, एसटी व बीपीएल परिवार के बच्चों का एडमिशन कराया जाए। इसमें मुख्यत: स्टेशन, दुकानों में कार्यरत, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों पर ध्यान दिया जाए।
जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश, खराब रिजल्ट वाले स्कूलों की रिपोर्ट दें
कलेक्टर अनुराग चौधरी ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि ऐसे स्कूलों की सूची बनाएं, जिसमें 60 प्रतिशत से कम परिणाम रहा है। जबकि उन्हीं स्कूलों में 80 प्रतिशत शिक्षक उपलब्ध हैं। शिक्षकों की पर्याप्त संख्या होने के बाद भी शिक्षा की गुणवत्ता में कमी व खराब रिजल्ट का क्या कारण है।
राशन वितरण का निरीक्षण करें राजस्व अधिकारी
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित किए जाने वाले राशन में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं होना चाहिए। राजस्व अधिकारी, तहसीलदार व एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों में निरीक्षण करें। जहाँ कहीं भी किसी भी स्तर पर कोई गड़बड़ी होती है तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें।