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राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को दी गई चुनावी व्यय व निगरानी से संबंधित जानकारी

राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को दी गई चुनावी व्यय व निगरानी से संबंधित जानकारी

ग्वालियर:-.  लोकसभा चुनाव-2019 के दौरान अभ्यर्थियों के द्वारा किए जाने वाले चुनाव खर्चों पर भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत कड़ी निगरानी रखी जायेगी। इसलिए राजनैतिक दल व प्रत्याशी चुनावी खर्च का हिसाब रखें। साथ ही अपने व्यय रजिस्टर का नियमित रूप से अवलोकन कराएं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनूप सिंह ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में चुनाव खर्च पर निगरानी एवं मूल्यांकन के लिये जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न सामग्रियों की दरें जारी कर दी गई हैं। किसी प्रकार की आपत्ति होने पर एक सप्ताह में अपने दावे-आपत्ति प्रस्तुत करें, ताकि समय पर तर्क संगत दरों का निर्धारण किया जा सके। मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक में यह जानकारी दी गई।


बुधवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आयोजित हुई बैठक में प्रत्याशियों एवं पार्टियों द्वारा चुनाव में किए जाने वाले व्यय का लेखा-जोखा किस प्रकार किया जाए इसकी बारीकियाँ बताई गईं। साथ ही यह भी बताया गया कि किस तरह से चुनावी व्यय की पंजियां संधारित करें और हिसाब-किताब रखें। चुनावी व्यय पर निगरानी रखने के लिये तैनात किए गए अमले को धन राशि की निगरानी से संबंधित मुद्दों, कानूनी प्रावधानों, चुनाव के दौरान प्रत्याशियों द्वारा वैधानिक व अवैधानिक खर्चे के प्रकार और इन खर्चों को नियंत्रित करने के मुख्य वैधानिक प्रावधानों और इससे जुड़ी विभिन्न धाराओं, नियमों के बारे में बैठक में विस्तार से बताया गया। इससे प्रत्याशियों द्वारा रैली व सभा इत्यादि आयोजन पर हुए व्यय का मूल्यांकन करने में सहायता मिलेगी।


यह बैठक प्रत्याशी द्वारा चुनाव प्रचार पर किए जाने वाले खर्चों का आंकलन, उससे जुड़े कानूनी प्रावधानों, चुनावी खर्चों के प्रकार, चुनावी व्यय का ब्यौरा (कानून के अनुसार) आदि मुद्दों की जानकारी देने के लिये बुलाई गई थी। बैठक में उपस्थित मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को फार्म-26, निर्वाचन अनुवीक्षण के सार संग्रह की प्रति भी प्रदान की गई। संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा ने कहा कि प्रचार-प्रसार सामग्री पर व्यय जैसे आम सभा, पोस्टर, बैनर, विज्ञापन, परिवहन आदि पर व्यय का लेखा-जोखा किया जाना है। एक प्रत्याशी के लिए व्यय सीमा 70 लाख रूपए निर्धारित की गई है। अभ्यर्थी को अपना अलग बैंक अकाउण्ट भी रखना होगा। जिसके माध्यम से सभी व्यय होंगे।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री शिवम वर्मा, एडीएम श्री संदीप केरकेट्टा, व्यय लेखा प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी एवं उप संचालक कोष एवं लेखा, सहायक लेखा अधिकारी सहित मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधिगण मौजूद थे।
टीमें रखेंगीं चुनावी खर्च पर निगरानी
बैठक में बताया गया कि चुनाव के दौरान प्रत्याशियों व राजनैतिक दलों द्वारा किए गए खर्चे पर नजर रखने के लिये विभिन्न नियंत्रण समितियों का गठन किया गया है। जैसे खर्चा पर्यवेक्षक, उडनदस्ता, स्थैतिक निगरानी समिति, दृश्य निगरानी प्रचार प्रमाणन समिति, मादक पदार्थ नियंत्रण आदि।

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