स्वास्थ्य विभाग पर कलेक्टर की नाराजगी, डीएचओ एवं अकाउंटेंट को नोटिस के साथ सिविल सर्जन का प्रतिवेदन भोपाल भेजनें के निर्देश!
ग्वालियर:- अगले तीन दिनों तक विशेष अभियान चलाकर अक्टूबर माह में प्राप्त सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण करें। इन शिकायतों सहित 50 दिन से पुरानी शिकायतों का निराकरण भी संतुष्टि के साथ किया जाए। जिन शिकायतों का निराकरण प्रावधानों का पालन करते हुए कराया जा चुका है, उनको बंद कराने के प्रस्ताव भेजें। इस आशय के निर्देश कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने सीएम हैल्पलाइन पोर्टल पर दर्ज शिकायतों एवं समाधान ऑनलाइन में चिन्हित शिकायतों के निराकरण की समीक्षा के दौरान सभी विभागों के जिला व खण्ड स्तरीय अधिकारियों एवं एसडीएम को दिए। कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में कलेक्टर श्रीमती चौहान ने कहा कि स्पष्ट टीप अंकित कर शिकायत आगे बढ़ाए, जिससे सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों का जल्द से जल्द निराकरण हो सके। इस कार्य में कोई ढ़िलाई न हो। ऐसी कोई शिकायत नहीं रहना चाहिए, जिसे एल-1 स्तर पर अटेण्ड न किया गया हो, अन्यथा संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने शिकायतों के संतुष्टिपूर्ण निराकरण पर विशेष बल दिया। साथ ही कहा यदि नियम व प्रावधानों में न आने से शिकायतकर्ता के पक्ष में निराकरण नहीं हो पाता है तो शिकायतकर्ता को इस संबंध में अवगत कराएं, जिससे पोर्टल पर संतुष्टि के साथ शिकायत बंद की जा सके।
कलेक्टर श्रीमती चौहान ने कृषि, अनुसूचित जाति व जनजाति कल्याण, जल संसाधन व स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों की शिकायतों के निराकरण के लिये समय-सीमा निर्धारित की। साथ ही संबंधित अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा कि यदि समय-सीमा में शिकायतों का निराकरण नहीं हुआ तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने बैठक में मौजूद सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगले तीन दिन तक विशेष मुहिम चलाकर राजस्व संबंधी सीएम हैल्पलाइन शिकायतों का निराकरण कराएं। उन्होंने कहा कि जिन शिकायतों में जाति प्रमाण-पत्र बनाए जा चुके हैं उन्हें आवेदक से चर्चा कर संतुष्टि के साथ पोर्टल से हटवाएं। साथ ही अन्य शिकायतों का समयबद्ध कार्यक्रम बनाकर निराकरण करें। निराकरण संतुष्टि के साथ हो इसलिए शिकायतकर्ता से अवश्य चर्चा की जाए।
सीएम हैल्पलाइन की समीक्षा के दौरान जिला चिकित्सालय से संबंधित शिकायतों के निराकरण की स्थिति ठीक न पाए जाने पर कलेक्टर श्रीमती चौहान ने नाराजगी जताई। उन्होंने सिविल सर्जन के खिलाफ भोपाल प्रतिवेदन भेजने और डीएचओ डॉ. दीपाली माथुर व सिविल सर्जन कार्यालय के एकाउण्टेंट को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।