जबलपुर में बवाल 35 गिरफ्तार।
जबलपुर के निकट ग्वारीघाट में मंगलवार (23 अक्टूबर) को काली माता की मूर्ति का विसर्जन पवित्र नर्मदा नदी में करने से पुलिस द्वारा रोकने पर भक्तों ने पुलिसर्किमयों पर कथित रूप से पथराव कर दिया जिसमें 10 पुलिसकर्मी घायल हो गये। हिंसा पर उतारू भीड़ ने पुलिस की सात मोटरसाइकिलों को आग लगा दी और उनके पांच चार-पहिया वाहनों में भी तोड़फोड़ की। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने ने लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इस मामले में पुलिस ने उपद्रव करने वाले करीब 35 लोगों को गिरफ्तार किया है। महिला कलेक्टर छवि भारद्वाज ने भी लाठी भांजकर उपद्रवियों को भगाया। पुलिस अधीक्षक अर्जुन उइके ने बताया कि उपद्रव उस वक्त शुरू हुआ जब भक्तों द्वारा प्रसिद्ध ‘मन्नत वाली काली माता’ की प्रतिमा को विसर्जन के लिए नर्मदा नदी स्थित ग्वारीघाट ले जाया जा रहा था। नर्मदा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए इसमें मूर्तियों के विसर्जन पर प्रतिबंध है, इसलिए मूर्तियां नदी में विर्सिजत नहीं की जा सकती।
लटकारी के पड़ाव में रखी जाने वाली काली माता की प्रतिमा पूरे शहर में मन्नत वाली काली माता के नाम से प्रसिद्ध हैं। लटकारी के पड़ाव से ग्वारीघाट की दूरी लगभग आठ किलोमीटर है। विसर्जन जुलूस को यह दूरी तय करने में लगभग 16 घंटे का समय लगता है। त्रियोदशी के अवसर पर सोमवार की दोपहर 2.00 बजे जुलूस प्रारंभ हुआ था। विसर्जन जुलूस आज सुबह 7.30 बजे नर्मदा नदी के ग्वारीघाट पहुंचा। पुलिस ने नर्मदा नदी मार्ग को बैरिकेट व जेसीबी मशीन लगाकर बंद कर दिया था। दुर्गा पूजा पर भक्तों द्वारा प्रसिद्ध ‘मन्नत वाली काली माता’ की प्रतिमा हर साल बैठाई जाती हैं और बाद में उसका विसर्जन किया जाता है।