जब तक पटवारी का वेतन नहीं, तब तक मेरा भी वेतन नहीं:- कलेक्टर
ग्वालियर:- नियुक्ति दिनांक से 7 वर्ष तक वेतन मिलने की लिखित शिकायत पटवारी कौशलेन्द्र सिंह राणा ने जब कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह से की तो उन्होंने पटवारी को तत्काल रेडक्रॉस के माध्यम से एक लाख रूपए की राशि प्रदान कराई। इसके साथ ही पटवारी को इतनी अवधि तक वेतन न मिलने में जिन-जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही है उनके विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी किए। इस संबंध में सम्पूर्ण जाँच करने की जवाबदारी एसएलआर श्रीमती शिवानी पाण्डेय को सौंपी गई है।
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह को पटवारी हलका क्रमांक-157 दंगियापुरा के पटवारी कौशलेन्द्र सिंह राणा द्वारा पिछले सात सालों से वेतन न मिलने का आवेदन देकर वेतन दिलाने की गुहार की गई। इस संबंध में जब जानकारी प्राप्त की गई तो ज्ञात हुआ कि कौशलेन्द्र सिंह राणा पटवारी की नियुक्ति सन् 2013 में भितरवार में हुई थी। उसके पश्चात उसका स्थानांतरण चीनौर में हो गया। उक्त स्थान पर हलका क्रमांक-16 पर पदस्थ रहे। तत्पश्चात उनका स्थानांतरण हस्तिनापुर के हलका क्रमांक-113 पर हुआ। जहाँ पर पिछले चार वर्षों से पदस्थ हैं। पटवारी का प्रान नम्बर न बनने के कारण वेतन आहरण नहीं हो पा रहा है।
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने पटवारी की पूरी बात सुनने के पश्चात तत्काल एक लाख रूपए की राशि रेडक्रॉस के माध्यम से प्रदान कराई। उक्त राशि वेतन आहरण होने के पश्चात जमा करने की शर्त पर प्रदान की गई है। इसके साथ ही कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जब तक पटवारी का वेतन आहरण न हो जाए तब तक कलेक्टर का वेतन भी आहरित नहीं किया जाए। कलेक्टर ने सम्पूर्ण मामले की विस्तृत जाँच करने की जवाबदारी एसएलआर श्रीमती शिवानी पाण्डे को सौंपी है। जाँच अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि भितरवार, चीनौर एवं हस्तिनापुर तहसील में वे जवाबदार अधिकारी जिनके कारण वेतन आहरण नहीं किया गया, उनके खिलाफ कठोर दण्डात्मक कार्रवाई की जाए।
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह द्वारा पटवारी श्री कौशलेन्द्र सिंह राणा को जब एक लाख रूपए की राशि प्रदान की गई तो उन्होंने कलेक्टर के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए वेतन के संबंध में तत्परता से निराकरण करने का अनुरोध भी किया। कलेक्टर द्वारा पटवारी को आश्वस्त किया गया कि उनका वेतन शीघ्र ही उन्हें दिलाया जायेगा।