पत्रकारों का धरना जारी, शुक्रवार को भी तीन बजे से देंगे धरना:- राजेश शर्मा
ग्वालियर:- मामा माणिकचंद वाजपेयी पत्रकार कॉलोनी के न्यायालय में लंबित विवादित अवधि के लीजरेंट को माफ करने की मांग को लेकर पत्रकारों को गुरूवार को महात्मा गांधी के प्रतिमा स्थल फूलबाग पर धरना प्रारंभ करना पडा। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी लीजरेंट को लेकर कोई फैसला नहीं होने से पत्रकार नाराज हैं।
ग्वालियर प्रेस क्लब एवं मामा माणिकचंद वाजपेयी पत्रकार कॉलोनी के बेनर तले अपरान्ह तीन बजे धरना प्रारंभ हुआ। पत्रकारों का कहना था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पत्रकार एक सरकारी एजेंसी ग्वालियर विकास प्राधिकरण का शिकार हुए हैं। पत्रकार कॉलोनी की जमीन को लेकर 12 साल से लंबित मामले में हाईकोर्ट से स्थगन आदेश मिलने के बाद यहां पत्रकार मकान बनाना चाहते हैं लेकिन प्राधिकरण द्वारा विवादित अवधि का लीजरेंट मांगा जा रहा है जो कि गलत है। पत्रकारों ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जब बस ऑपरेटरों के पांच माह के दो सौ करोड से अधिक के टैक्स को माफ कर दिए और मंत्रियों का आयकर भरने के अलावा कई घोषणाएं की जा रही है लेकिन बरसों पुरानी पत्रकारों की मांग को पूरा नहीं किया जा रहा है। पत्रकारों ने कहा कि जीडीए ने उन्हें जो जमीन दी थी वह उस समय के कलेक्टर गाइड लाइन पर दी थी। तब से अब तक विवाद के चलते यह कॉलोनी बस नहीं सकी। अब जबकि पत्रकार यहां मकान बनाना चाहते हैं तो उन्हें लीजरेंट के बिना एनओसी नहीं दी जा रही है। जबकि वे 25 प्रतिशत राशि तक इस संबंध में फैसला होने तक जमा करने के लिए तैयार है।
धरना देने वालों में ग्वालियर प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश शर्मा वरिष्ठ पत्रकार चन्द्रवेश पांडे, राजेन्द्र तलेगांवकर, जोगेन्द्र सेन, अशोक पाल,ब्रज मोहन शर्मा, विक्रम प्रजापति ,विष्णु अग्रवाल आदि पत्रकार उपस्थित थे। राजेश शर्मा ने बताया कि तीन दिन तक चलने वाले धरने 11 सितंबर को 3 बजे से सभी पत्रकार फिर धरने पर बैठेंगे। पत्रकारों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पत्रकारों की इस मांग के अलावा कोरोना काल मे पत्रकारो से ली जाने वाली बीमा राशि शून्य घोषित करने की भी मांग की है।