केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के प्रयासों से मिली बड़ी सौगात।
ग्वालियर:- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री व क्षेत्रीय सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर के प्रयत्नों से श्योपुर में एलएलबी की कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति मिल गई है। श्री तोमर के दृढ़ संकल्प, युवाओं के प्रति संवेदनशीलता एवं गंभीर प्रयासों की वजह से श्योपुर के विद्यार्थियों का कानून की पढ़ाई करने का सपना पूरा हो गया है। क्षेत्रवासियों ने इसके लिए श्री तोमर के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विद्यार्थियों की मांग पर 2008 में श्योपुर में विधि महाविद्यालय खोलने की घोषणा की थी। घोषणा के तुरन्त पश्चात 2008 में ही शासकीय महाविद्यालय भवन निर्माण के लिए 50 लाख रूपये की स्वीकृति म.प्र. के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रदान की गई थी। महाविद्यालय प्रशासन द्वारा तत्काल जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से एलएलबी पाठ्यक्रम हेतु सम्बद्धता प्राप्त करने की कार्यवाही की गई एवं वि.वि. द्वारा 3 अक्टूबर 2009 को सम्बद्धता प्रदाय की गई।
उच्च शिक्षा विभाग, भोपाल द्वारा 02-06-2012 को विधि महाविद्यालय हेतु प्राचार्य सहित कुल 16 पदों की स्वीकृति प्रदान की गई थी। विधि महाविद्यालय श्योपुर में विधि कक्षाएं प्रारम्भ करने के लिए बार काउंसिल ऑफ इडिया को आवेदन किया गया, जिसके बाद कार्यवाही लंबित रहने पर केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने दिल्ली भोपाल में इस संबंध में पहल की। श्री तोमर ने उच्च शिक्षा विभाग एवं प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय श्योपुर को तत्काल कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तुरंत 4 विधि विषय के सहायक प्राध्यापकों को शासकीय विधि महाविद्यालय, श्योपुर में पदस्थ करते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया का शुल्क जमा करने के लिए 5 लाख रूपये की राशि बजट के रूप में आवंटित की गई। साथ ही, बार काउंसिल ऑफ इडिया से अनुमति प्राप्त करने हेतु 27 जुलाई 2023 को नए सिरे से शासकीय विधि महाविद्यालय, श्योपुर में विधि कक्षाएं प्रारम्भ करने की अनुमति देने हेतु आवेदन किया गया और 3 लाख 50 हजार रूपये शुल्क के रूप में जमा किए गए।
इन सब प्रयत्नों के परिणामस्वरूप 2 अगस्त 2023 को बार काउंसिल ऑफ इडिया की निरीक्षण टीम द्वारा विधि महाविद्यालय का ऑनलाइन निरीक्षण किया गया और अब बीसीआई द्वारा शासकीय विधि महाविद्यालय, श्योपुर में विधि कक्षाएं प्रारम्भ करने की अनुमति का पत्र भी प्राप्त हो गया है। इससे क्षेत्रवासियों में हर्ष है।