a
Copyright Hindustan Media Diary
धर्मकांटो के साथ नापतोल यंत्रो शत प्रतिशत सत्यापन कराये:- मंत्री गोविन्द सिंह-शराब पीकर अभद्रता करना पड़ा भारी, चिकित्सा अधिकारी को संभागीय आयुक्त ने किया निलंबित!-फ्रॉड और धोखेबाजो से सावधान, विदेश अध्ययन छात्रवृति के नाम पर भेज रहे है मेल!-पदीय दायित्वों में लापरवाही बरतने दो आधिकारियों को किया तत्काल प्रभाव से निलंबित!-म.क्षे.वि.वि. कंपनी अब लेगी चक्रवृद्धि व्याज!-पत्रकार स्वास्थ एवं दुर्घटना बीमा की प्रमियम घटी, अंतिम तिथि भी बढ़ी-अबैध कॉलोनियो पर प्रभावी अंकुश के लिए कलेक्टर के सभी अनुविभागीय राजस्व आधिकारियों को निर्देश!-गंभीर आरोपों के चलते परिवहन आरक्षक निलंबित!-महाकाल की नगरी अवंतिका अनंत है, यह नगरी हर काल और हर युग में अपने गुणों ,कीर्ति और प्रसिद्धि से सदैव अलंकृत होती आ रही है।-30 सितंबर तक आधिकारियों/कर्मचारियों के अवकाश प्रतिबंधित!
Homeअंचलग्वालियर“एक बेटी में संतुष्टि” कुदरत की देन को प्रसाद समझकर ग्रहण करें:- डॉ रुनवाल

“एक बेटी में संतुष्टि” कुदरत की देन को प्रसाद समझकर ग्रहण करें:- डॉ रुनवाल

“एक बेटी में संतुष्टि” कुदरत की देन को प्रसाद समझकर ग्रहण करें:- डॉ रुनवाल

ग्वालियर:- विश्व जनसंख्या दिवस पर दुनिया में “पॉपुलेशन बूम” को देखते हुए शहर के वरिष्ठ बाल्य एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अरविन्द रूनवाल का कहना है कि हमारे एक ही बेटी है एण्ड दैट्स ऑल। बच्चों की संख्या से ज्यादा जरूरी है उनका बेहतर पालन पोषण। अब क्वालिटी का युग है, क्वान्टिटी का नहीं। महाभारत  में भी सौ कौरवों की सेना पर महज 5 पांडव भारी पड़े थे। तो बेटी हो या बेटा, उसे मंदिर के प्रसाद की तरह ग्रहण करें, कुदरत की ये देन किसी मिष्ठान्न भंडार की मिठाई नहीं, जहां हम अपनी च्वाइस चुनें। वैसे भी घटते लिंगानुपात तथा बालिका भ्रूण हत्या जैसे जघन्य कृत्यों से इंसान ने मानवता को शर्मसार किया है। जब ईश्वर ने ही आधी आबादी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया, तब समानता का प्रतिनिधित्व करती बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की शासकीय ब्रान्ड एम्बेसडर डॉ शिराली रूनवाल जैसी पुत्रियां समाज में एक जीती जागती मिसाल हैं। लगभग 3000 अवार्ड्स से पूरे घर को भर देने वाली ऐसी इकलौती संतान ही काफ़ी है।

Share With:
Rate This Article

hindustanmediadiary@gmail.com

No Comments

Leave A Comment