a
Copyright Hindustan Media Diary
भारतीय वन सेवा के आधिकारियों के तबादले!-अनियमितता एवं गंभीर लापरवाही के चलते 4 इंजिनियर निलंबित!-सिविल सर्जन को हटाने के लिए कलेक्टर ने लिखा स्वास्थ्य आयुक्त को पत्र!-प्रदूषण नियंत्रण के लिए परिवहन विभाग की व्यवस्था के साथ आरव्हीसीएफ सेंटर शुरू!-निगमायुक्त ने कार्य व्यवस्था के चलते कर्मचारियों/आधिकारियों के मध्य किया कार्य विभाजन!-राज्य पुलिस सेवा के आधिकारियों के तबादले!-सहायक यंत्री का एक माह का वेतन राजसात करने के लिए नोटिस जारी!-अनियमितता, लापरवाही और उदासीनता बरतने पर चिकित्सा अधिकारी निलंबित!-IPS आधिकारियों के तबादले, देखें सूची?-अब क्षेत्रीय कार्यालयों में बनेंगे आयुष्मान कार्ड :- निगमायुक्त
Homeभोपालनिजी एवं सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से होगी वसूली:- नरोत्तम मिश्रा

निजी एवं सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से होगी वसूली:- नरोत्तम मिश्रा

निजी एवं सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से होगी वसूली:- नरोत्तम मिश्रा

भोपाल:- गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया  कि निजी एवं सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से  कार्यवाही कर वसूली की जायेगी। इस संबंध में 30 अप्रैल, 2022 को मध्यप्रदेश राजपत्र में मध्यप्रदेश लोक एवं निजी सम्पत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली अधिनियम संबंधी अधिसूचना प्रकाशित कर दी गई है। गृह मंत्री ने बताया कि अधिनियम राजपत्र में प्रकाशन दिनांक से प्रभावी हो गया है। निजी अथवा सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने जाने पर वसूली के लिए दावा किया जा सकेगा। इसके लिए प्रक्रिया निर्धारित की गई है। इसमें दावा अधिकरण का गठन कर अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति की जायेगी। अधिसूचना में अध्यक्ष एवं सदस्यों की सेवा शर्तों, अधिकार और शक्तियों का उल्लेख किया गया है। दावों की सुनवाई होगी, साक्षियों के साक्ष्य शपथ पर लिखे जायेंगे। अधिनियम में दस्तावेजों के प्रकटीकरण के संबंध में सिविल प्रकिया संहिता-1908 से संबंधी उपबंध इन नियमों के अधीन जांच के संबंध में लागू होंगे। डॉ. मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि अधिनियम में किए गए प्रावधान अनुसार दावा अधिकरण का निर्णय लिखित आदेश होगा। इसे खुले न्यायालय में सुनाया जायेगा। प्रत्येक निर्णय/आदेश की मूल प्रति जिला मजिस्ट्रेट के न्यायिक अभिलेख कक्ष में प्रस्तुत की जायेगी। दावा आयुक्त प्रत्येक पक्ष को आदेश की एक प्रति नि:शुल्क प्रदान करेगा। अधिनियम में अधिकरण के आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय के समक्ष 90 दिवस की अवधि में अपील प्रस्तुत करने का भी प्रावधान किया गया है।

Share With:
Rate This Article

hindustanmediadiary@gmail.com

No Comments

Leave A Comment