राजनीति छोड़कर बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करे:- सौरभ तोमर
मुरैना:- (विवेक तिवारी) पूरे प्रदेश भर के साथ दिमनी विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ के रूप में आई भीषण आपदा से लोग अनजान नहीं हैं, लेकिन जहां कुछ राजनेता हवाई सर्वे कर पीड़ित परिवारों के जख्मों पर नमक लगाने का काम कर रहे हैं। तो वही दूसरी ओर सौरभ तोमर जैसे युवा समाजसेवी अपनी सैकड़ों लोगों की टीम के साथ बिना किसी प्रचार-प्रसार के लोगों को राहत पहुंचाने का काम कर रहे हैं । जहां सौरभ तोमर की टीम ने लोगों के मकानों को बसाने का बीड़ा उठाया है और उनकी साफ-सफाई कर पुनर्निर्माण कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ सौरभ तोमर ने कई गाड़ियां राशन भरकर पीड़ितों के लिए मंगवाई है और उन्हें निरंतर खाने पीने की हर संभव व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है । बाढ़ के रूप में कहर बनकर आई प्राकृतिक आपदा से बेघर हुए लोगों के लिए शासन प्रशासन एवं सक्षम लोगों को आगे आकर मदद करने की जरूरत है । इस विषम परिस्थिति में अपने क्षेत्रवासियों की मदद के लिए मैं हमेशा उनके साथ खड़ा हूं । मैं फिलहाल उनके आंसू तो नहीं रोक सकता लेकिन कुछ हद तक उनकी मुसीबतें कम करने की हर संभव कोशिश करने का प्रयास करूंगा और साथ ही शासन प्रशासन के साथ साथ क्षेत्र के सांसद विधायक एवं प्रत्येक सक्षम व्यक्ति को बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आकर उनका सहयोग करने की अपील करता हूं । यह बात दिमनी विधानसभा क्षेत्र की युवा कांग्रेसी नेता सौरभ तोमर ने बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद भेजते वक्त कहीं है ।
श्री तोमर ने दिमनी विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए राहत सामग्री भेजी है इसे उनके कार्यकर्ता क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचा रहे हैं और दोबारा उन्हे पुनर्स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं । ज्ञात हो कि सौरभ तोमर लंबे समय से दिमनी विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए तन मन धन से मदद कर रहे हैं । उन्होंने प्रतिवर्ष बुजुर्गों के लिए हेल्थ चेक अप कैंप लगवाने का संकल्प लिया है और बुजुर्गों की आंखों का ऑपरेशन के लिए समय-समय पर सौरभ तोमर द्वारा शिविर लगाए जाते हैं यही वजह है कि उनको दिमनी विधानसभा के बुजुर्गों का भरपूर आशीर्वाद प्राप्त है । इसी क्रम में वर्तमान हालात में भी क्षेत्रीय बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री भेजने के साथ-साथ शासन प्रशासन से भी उन्होंने क्षेत्रवासियों के लिए मदद की अपील की है । श्री तोमर का कहना है कि यह राजनीति का वक्त नहीं है यह प्राकृतिक संकट की घड़ी है इस संकट की घड़ी में सभी को एक साथ मिलकर बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद करने की बहुत जरूरत है । लेकिन इस दौर में भी कुछ तथाकथित नेता फोटो सेशन के लिए कभी पानी उतरते हैं तो कभी नाव में बैठकर फोटो सेशन कराते हैं । यह प्राकृतिक आपदा है । बादल, बारिश, प्रकृति, ईश्वर ने सरकार और शासन के विकास कार्यों की दावों की पोल खोल कर रख दी है मध्य प्रदेश के अंदर 24 घंटे में पांच पुलों का बहना कोई साधारण बात नहीं है । ऐतिहासिक इमारतें, अंग्रेजों के बनाए हुए पुल, सड़क आदि जस के तस बने हैं और कुछ साल पहले बने हुए पुल ताश के पत्तों की तरह बह गए हैं । यह बड़बोली सरकार का विकास है जो कमीशन खोरी की भेंट चढ़ गया है । महज 4 साल पहले बने हुए पुल और सड़क बारिश में बह गए । इनके विकास कार्यो की पोल ईश्वर प्रकृति और बारिश ने बिना दस्तावेजों के जनता के सामने खोल कर रख दी है । यदि ऐसा आम जनता में से किसी ने किया होता तो अभी तक उस पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाकर दाखिले हवालात कर दिया गया होता ❓ लेकिन सवाल यह है कि क्या ईश्वर प्रकृति और बादल पर भी विकास कार्यों के दावों की पोल खोलने का मुकदमा चलाकर या राष्ट्रद्रोह या अन्य मामले का मुकदमा चलाकर ईश्वर, बारिश और प्रकृति को भी दाखिले हवालात कर दिया जायेगा ❓ लेकिन फिलहाल हम इस मामले में टिप्पणी नहीं करते क्योंकि वर्तमान में जरूरत है सबको साथ मिलकर बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राहत देने की । इसलिए में शासन-प्रशासन, सांसद, विधायक एवं प्रत्येक सक्षम व्यक्ति से पुन: अनुरोध करूंगा कि वे अपने अपने स्तर पर बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए और उन्हें पुनर्स्थापित करने में हर संभव मदद करने का प्रयास करें ।