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कमांड कंट्रोल सेंटर कोरोना महामारी से निपटने के लिए वार रूम की भूमिका अदा कर रहा है:- जयति सिंह

कमांड कंट्रोल सेंटर कोरोना महामारी से निपटने के लिए वार रूम की भूमिका अदा कर रहा है:- जयति सिंह

ग्वालियर:-  कोविड-19  महामारी की दूसरी वेव से पूरा देश भयावह स्थिति का सामना कर रहा है। ग्वालियर में भी पिछले दो सप्ताह के आँकड़े डराने वाले रहे हैं। संक्रमितों का आँकड़ा पिछले वर्ष की पीक से लगातार ऊपर अंकित किया जा रहा है, ग्वालियर स्मार्ट सिटी बतौर ज़िला आपदा नियंत्रण केंद्र के रूप में मार्च 2020 से कोरोना की पहली दस्तक से ही अत्याधुनिक तकनीक की सहायता से निरंतर स्थिति को नियंत्रित करने में एक निर्णायक भूमिका निभा रहा है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए ज़िला प्रशासन व सम्बंधित विभागों से समन्वय बना स्मार्ट सिटी द्वारा विकसित कोरोना कमांड सेंटर कोविड कॉम्बैट ऑपरेशन की धुरी बना हुआ है।

ग्वालियर स्मार्ट सिटी की सी.ई.ओ. श्रीमती जयति सिंह ने कमांड सेंटर से संचालित विभिन्न सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की, श्रीमती सिंह ने बताया कि गत वर्ष से एकीकृत कमांड कंट्रोल सेंटर कोरोना महामारी से निपटने के लिये वॉर रूम की भूमिका निभा रहा है। सर्वप्रथम यहाँ से कोविड हेल्पलाइन की शुरूवात की गई जिससे लोगों को लॉकडाउन के समय घर बैठे ही अपनी शंकाओं का समाधान प्राप्त हुआ। अब तक 90000 से अधिक लोग इस सेवा से लाभान्वित हुए हैं। इसके साथ ही व्हाटसएप विडियो कॉलिंग के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श भी साल भर से लोगों को दिया जा रहा है। अनुभवी चिकित्सकों की टीम द्वारा 24 X 7 संक्रमितों को मार्गदर्शन दे रही है । होम आइसोलेशन में जो संक्रमित हैं उनकी स्थिति पर कमांड सेंटर द्वारा निरंतर नज़र रख रही है। समय समय पर चिकित्सकों द्वारा उनके स्वास्थ्य सम्बंधी बिंदुओं जैसे बुख़ार, ऑक्सीजन लेवल इत्यादि को देखते हुए परामर्श दिया जाता है। गम्भीर लक्षण पाए जाने पर ग्वालियर स्मार्ट सिटी के कमांड सेंटर द्वारा उन्हें हॉस्पिटल में शिफ़्ट करने की व्यवस्था भी की जाती है। इसके अलावा यदि शिशुओं में कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जाते हैं तो बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भी टेली काउन्सलिंग मुहैया करा रहे हैं। इसी प्रकार रात्रि क़ालीन आपात काल एम्बूलैंस सेवा भी कमांड सेंटर से उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य स्तर से संचालित 1075 हेल्पलाइन के कॉल भी स्मार्ट सिटी के कमांड कंट्रोल सेंटर से संचालित की जा रही है।
श्रीमती सिंह ने बताया कि आज के युग में अत्याधुनिक तकनीक का सबसे बड़ा लाभ समय की बचत है, जो कोरोना काल में बेहद अहम है। ज़िला स्तर पर इन्सिडेंट कमांडर की एक टीम मैदानी स्तर पर मोर्चा सम्भालती है। प्रत्येक इन्सिडेंट कमांडर के क्षेत्र में जो संक्रमित हैं उनसे सम्बंधित हर जानकारी रियल टाइम में उन्हें उपलब्ध कराई जाती है जिस से प्रबंधन में सुगमता बढ़ती है। किसी भी आपात स्थिति में कमांड सेंटर द्वारा सम्बंधित इन्सिडेंट कमांडर को सूचित व निर्देशित किया जाता है। इसके अलावा जीयो फेंसिंग द्वारा कंटेनमेंट ज़ोन व बफ़र ज़ोन बनाने में मदद मिलती है साथ ही संक्रमितों पर भी नज़र रखी जाती है। हाल ही में संक्रमितों की मूवमेंट की रोकथाम के लिए स्मार्ट सिटी द्वारा स्मार्ट कवच ऐप भी विकसित किया गया है जो वायलेशन पर नज़र रखता है तथा कमांड सेंटर को अलर्ट भेजता है। इस अलर्ट के आधार पर इन्सिडेंट कमांडर व सम्बंधित थाना क्षेत्र द्वारा त्वरित कार्यवाही की जा रही है।
श्रीमती सिंह ने हाल में ऑक्सीजन की कमी से उत्पन्न स्थिति में स्मार्ट सिटी द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि देश के बड़े शहरों की भाँति ग्वालियर में भी ऑक्सीजन की डिमांड एकदम बढ़ी तथा यह एक बड़ी चुनौती थी। ऑक्सीजन के वितरण हेतु ग्वालियर स्मार्ट सिटी ने ज़िला प्रशासन, पुलिस व सम्बंधित विभागों के साथ एक व्यापक योजना बनाई । श्रीमती सिंह ने जानकारी देते हुए बताया की ऑक्सीजन वितरण को सुचारू रूप से वितरित करने के लिए सबसे ज़रूरी था डिमांड का आँकलन करना। इसी के मद्दे नज़र प्रत्येक हॉस्पिटल में वेंटिलेटर, ऑक्सिजन बेड, हाई फलो ऑक्सीजन वाले मरीज़ आदि के आधार पर हर अस्पताल की मांग व आपूर्ती का विश्लेषण किया जाता है। सम्बंधित टीम से समनवय स्थापित कर कमांड सेंटर की टीम 24 X 7 ऑक्सीजन सप्लाई मैनज्मेंट की मॉनिटरिंग में कार्यरत है। ग्वालियर स्मार्ट सिटी के कमांड सेंटर से मेडिसिन किट, रिपोर्ट सम्बंधित जानकारी आदि भी हेल्पलाइन नम्बर द्वारा निरंतर प्रदान की जाती है।

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