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Homeअंचललोग भगवान की पूजा-आराधना करते हैं, किंतु वास्तविक भगवान देश का अन्नदाता है:-ज्योतिरादित्य सिंधिया

लोग भगवान की पूजा-आराधना करते हैं, किंतु वास्तविक भगवान देश का अन्नदाता है:-ज्योतिरादित्य सिंधिया

लोग भगवान की पूजा-आराधना करते हैं, किंतु वास्तविक भगवान देश का अन्नदाता है:-ज्योतिरादित्य सिंधिया

ग्वालियर:-  राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जय जवान-जय किसान के नारे से अपने उदबोधन में कहा कि मूलत: लोग भगवान की पूजा – आराधना करते हैं। किंतु वास्तविक भगवान देश का अन्नदाता है जो सारे देश की मौलिक आवश्यकता की पूर्ति करता है। श्री सिंधिया ने कहा कि भारत के किसान को आत्मनिर्भर बनाने के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के हित संरक्षण के लिये तीन कृषि बिल पारित किए गए हैं। यह तीनों बिल किसानों को अपनी फसल बोने से लेकर उत्पादन बेचने तक की स्वतंत्रता देते हैं। उन्होंने कहा कि अब नए कृषि कानून के तहत किसानों को खाद बीज के भण्डारण की पूर्व से ही व्यवस्था रहेगी।
उन्होंने कहा कि 22 करोड़ किसानों को खेत मिट्टी परीक्षण कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं ताकि किसानों के हाथ और मजबूत हो सकें। उन्होने कहा कि कोरोना के संकट में भी किसानों ने खेती करके देश की आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में कृषि अधोसंरचना में एक लाख करोड़ रूपए कृषि कोष में जमा कराए हैं। किसानों को हर वर्ष किसान सम्मान निधि के रूप में केन्द्र 6 हजार रूपए और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्णय के अनुसार प्रत्येक किसान को 4 हजार रूपए इस तरह अब किसान को 10 हजार की किसान सम्मान निधि प्रति वर्ष मिल रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों के हितों के लिये संकल्पित है। वहीं प्रदेश की सरकार भी 2 हजार 200 करोड़ रूपए पूर्व सरकार ने किसानों के हित का पैसा तिजोरी में रखे हुए थी, उसे तोड़कर मुख्यमंत्री ने किसानों के खातों में जमा कराया। उन्होंने कहा कि अभी तक 7 हजार 700 करोड़ रूपए किसानों को राहत के रूप में उनके खातों में जमा कराए हैं। 1600 करोड़ अंतरित राशि भी प्रदेश सरकार अगले दो दिन के अंदर किसानों के खातों में जमा करायेगी।
नए कृषि कानून का उल्लेख करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य डेढ़ गुना बढ़ाया है ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके। किसान अपने उत्पादन को अब कहीं पर भी बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि 70 सालों से जंजीरों में जकड़ा किसान अब पूरी तरह से स्वतंत्र हो रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि उपज मंडियां बंद नहीं होंगीं। अब किसान बिचौलियों से मुक्त होंगे। उन्होंने कहा कि किसान सम्पन्न होगा तभी देश आगे तरक्की कर सकेगा। उन्होंने कहा कि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिये करोड़ों रूपए खर्च किए जा रहे हैं। अभी धान और गेहूँ पर समर्थन मूल्य दिया जाता था, अब दलहनी फसलों को भी समर्थन मूल्य पर किसान बेच सकेंगे।

किसान सम्मेलन में किसानों की उपस्थिति बयां करती ये तस्वीर:-

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