लापरवाही नहीं तो और क्या कहेंगे?
ग्वालियर:- कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रशासन कितना मुस्तैदी से ड्यूटी कर रहा है, यह आज ग्वालियर में देखने को मिला। चार घंटों की मशक्कत के बाद कोरोना पोजीटिव लाश का अंतिम संस्कार किया गया।
गौरतलब है कि आज सुबह शहर के एक पत्रकार की बीमारी के कारण निधन हो गया, उसकी मौत के बाद उसकी रिपोर्ट पोजीटिव आई। जब तक परिजन बोड़ी को घर ला चुके थे। घर लाने के बाद फोन पर सुचना मिली की उक्त व्यक्ति की रिपोर्ट पोजीटिव आई है। फिर शुरू हुआ लापरवाही बरतने कार्य, जब इंसीडेंट कमांडर को सुचना दी तो उन्होंने कहा कि बोड़ी को कोई टच मत करना। हम उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था करते हैं। और यह व्यवस्था करते करते चार घंटे का समय बीत गया। इस बीच स्वास्थ विभाग को भी सुचना दी गई। परन्तु हद तब हो गई जब सुचना देने के बाद भी दोपहर 12 बजे तक कोई व्यवस्था नहीं हो सकी। लेकिन फोन पर बात करने पर हर बार 10-15 मिनट की कहकर टालते रहे।
इतना ही नहीं जब अधिकारियों से बात की तब कहीं जाकर व्यवस्था की, लेकिन जो कर्मचारी आए उन्होंने पैसों की मांग रखी। जिसकी शिकायत तहसीलदार से की तब कहीं जाकर पीपीई किट लाकर मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। यह सब एक पत्रकार के साथ हुआ, तो आमजन के साथ क्या होता होगा?