सीमाओं पर बनाए गए चैक पोस्टों पर भी फीवर क्लीनिक शुरू होंगे:- कलेक्टर
ग्वालियर:- कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कोविड-19 की समीक्षा करते हुए कहा कि कोरोना के उपचार में फीवर क्लीनिकों का बेहतर उपयोग किया जा सकता है। इसके लिये जिले में बनाए गए 30 फीवर क्लीनिकों को और सशक्त करने की जरूरत है। कलेक्टर श्री सिंह ने उक्त आशय के निर्देश शुक्रवार को आयोजित इंसीडेंट कमांडरों की बैठक में दिए।
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित इंसीडेंट कमांडरों की बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शिवम वर्मा, स्मार्ट सिटी सीईओ श्रीमती जयति सिंह, अपर कलेक्टर श्री टी एन सिंह, अपर कलेक्टर श्री रिंकेश वैश्य सहित इंसीडेंट कमांडर तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कोविड-19 की समीक्षा करते हुए सभी इंसीडेंट कमांडरों को निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना के उपचार में फीवर क्लीनिकों की अहम भूमिका है। इसके लिये हमें फीवर क्लीनिकों को सशक्त करने की आवश्यकता है। फीवर क्लीनिकों पर सेम्पलिंग लेने की समुचित व्यवस्था रहे। फीवर क्लीनिक से मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में जानकारी भी विभिन्न माध्यमों से लोगों को दी जाए।
कलेक्टर ने कहा कि फीवर क्लीनिक में आने वाले लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए चेहरे को मास्क से ढककर आएं। उन्होंने कहा कि जिले की सीमाओं पर बनाए गए चार चैक पोस्टों पर भी फीवर क्लीनिक शुरू किए जायेंगे, जहां बाहर से आने वाले लोगों में सिम्टम्स पाए जाने पर चिकित्सक एवं पैरामेडीकल स्टाफ द्वारा सेम्पल लिया जायेगा तथा अन्य लोगों को होम क्वारंटाइन कराया जायेगा। वार्ड में बनाए जाने वाले फीवर क्लीनिकों पर पुलिस बल भी तैनात करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री सिंह ने सभी इंसीडेंट कमांडरों को निर्देश दिए कि उनके कार्य क्षेत्र के तहत आने वाले निजी चिकित्सालयों में उपचार कराने वाले मरीजों में से सर्दी, खांसी, जुकाम एवं बुखार के मरीजों की जानकारी प्रतिदिन लें। इसके लिये क्षेत्र के सभी निजी चिकित्सालयों को निर्देशित भी कर दें। उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण को रोकने एवं नागरिकों को जागरूक करने में वार्ड निगरानी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अत: वार्ड निगरानी समितियों का कोरोना के संक्रमण को रोकने, गाइडलाईन का पालन कराने एवं बाहर से आने वाले लोगों पर निगरानी रखने में पूर्ण सहयोग लें।
कलेक्टर ने कहा कि सर्वे का कार्य नियमित रूप से जारी रहे। केन्टोनमेंट क्षेत्र में तीन बार सर्वे का कार्य किया जाए। सर्वे के कार्य में लगी एएनएम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि को पुन: प्रशिक्षण दिया जाए। प्रशिक्षण में ऑक्सीमीटर के साथ थर्मल गन के उपयोग की भी जानकारी दी जाए। सर्वे में सिम्टम पाए जाने वाले मरीजों पर विशेष फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि उपचार उपरांत जो मरीज डिस्चार्ज हो गए हैं, वह घर पर 10 दिन क्वारंटाइन रहें। क्षेत्र में विचरण न करें। इसकी भी समीक्षा करें।
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने सभी इंसीडेंट कमांडरों को निर्देश दिए कि शासन द्वारा कोरोना के संक्रमण को रोकने हेतु जो गाइड लाईन जारी की गई है, उसका पूर्ण रूप से पालन कराएं, लेकिन घरों से बाहर बिना मास्क लगाए निकलने पर चालान की कार्रवाई करें। इस कार्य में पुलिस का सहयोग लें।