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Homeदेश दुनिया21वीं सदी भारत की ही होगी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा।

21वीं सदी भारत की ही होगी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा।

21वीं सदी भारत की ही होगी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा।

नई दिल्ली:- एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया विश्व भर में करोड़ों जिंदगी संकट का सामना कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि 130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प। यह है भारत को आत्मनिर्भर बनाना भारत की संकल्प शक्ति से ही  भारत आत्मनिर्भर बन सकता है साथियों आत्मनिर्भर भारत की भव्य इमारत पांच पिलर पर खड़ी हुई है। नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं, आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा साथियों हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणा की थी जो रिजर्व बैंक के फैसले थे और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है उसे जोड़ दें तो यह करीब करीब 20 लाख करोड़  रुपए का है भारत की जीडीपी का करीब करीब 10% है इन सब के जरिए देश के विभिन्न वर्गों को आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों का सपोर्ट मिलेगा 20 लाख करोड़ 2020 में देश की विकास यात्रा को आत्मनिर्भर करेगा। भारत अभियान को एक नई गति देगा आत्मनिर्भर को सिद्ध करने के लिए इस पैकेज में लेबर लिक्विड  पर बल दिया गया आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग गृह उद्योग हमारे लघु मंजुले उद्योग हमारे एमएसएमई के लिए हैं जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है यह आर्थिक पैकेज देश के उसके लिए हैं देश के उत्थान के लिए हैं, उनके लिए हैं जो हर सिटी मौसम में देशवासियों के लिए दिन-रात परिश्रम कर रहा है हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है। भारतीय उद्योग जगत के लिए हैं, जो भारत के लिए आने वाले कुछ दिनों तक वित्त मंत्री जी द्वारा आप को आत्मनिर्भर भारत अभियान से प्रेरित कर विस्तार से जानकारी दी जाएगी। साथियों आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए रिफॉर्म्स की प्रतिबद्धता के साथ देश का आगे बढ़ना अनिवार्य है आपने भी अनुभव किया है कि बीते 6 वर्षों में उनके कारण आज संकट के समय भारत की व्यवस्थाएं अधीक्षक असमर्थ नजर आई वरना कौन सोच सकता था कि भारत सरकार जो पैसे भेजेगी वह पूरा का पूरा गरीब की जेब में किसान की जेब में पहुंच पाएगा लेकिन तमाम सरकारी दफ्तर बंद थे ट्रांसपोर्ट के साधन बंद होने के बाद भी पहुंचे। हमारे जो रैडै वाले भाई बहन, ठेला लगाने वाले पटरी पर सामान बेचने वाले हैं जो हमारे श्रमिक साथी जिस घरों में काम करने वाले भाई-बहन उन्होंने इस दौरान बहुत कष्ट झेले हैं उनके आर्थिक हितों के लिए कुछ बड़े कदम उठाने का है। इसे ध्यान में रखते हुए गरीब हो श्रमिक हो प्रवासी मजदूर हो हमारे मछुआरे साथी हो संगठित क्षेत्र असंगठित क्षेत्र के लिए है। लोकल के लिए वोकल। लोकल पर जोर देते हुए कहा कि लोकल का इस्तेमाल शुरू कर दें। वह भी हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है। जो आपको ग्लोवल लगते हैं,वो कभी ऐसे ही बिल्कुल लोकल थे लेकिन जब वहां के लोगों ने उनका इस्तेमाल शुरू किया उनका प्रचार शुरू किया उनकी ब्रांडिंग कि उन पर गर्व किया तो थोड़ा लोकल से ग्लोबल बने वह प्रोडक्ट लोकल से ग्लोबल बन गए इसलिए आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना है । सिर्फ लोकल प्रोडक्ट खरीदने हैं बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है आपके प्रयासों ने तो हर बार आपके प्रति मेरी श्रद्धा को और बढ़ाया मैं गर्व के साथ एक बात महसूस करता हूं जब मैंने आपसे देश खरीदने का आग्रह किया यह भी कहा था कि देश को सपोर्ट करें बहुत ही कम समय में दोनों को ही डिमांड रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। उसे आपने बड़ा बना दिया बहुत छोटा सा प्रयास था लेकिन परिणाम मिला साथियों सभी ऐसा भी नहीं होने दे सकते कि हमारी जिंदगी सिर्फ और सिर्फ कोरोना के इर्द-गिर्द ही सिमटकर रह गया मास्क पहनेंगे 2 गज दूरी का पालन करेंगे लेकिन अपने लक्षणों को दूर नहीं होने देंगे इसलिए लॉक डाउन का चौथा चरण  पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं उनके आधार पर लोग इससे जुड़ी जानकारी भी आपको दी जाएगी। साथियों हमारे यहां कहां गया है शर आत्म बसंत सुख अर्थात जो हमारे बस में हैं जो हमारे नियंत्रण में है वही सुख है आप मंदिर जाते हैं वहां हमें सुख और संतोष देने के साथ-साथ सशक्त भी करती है 21वी सदी भारत की ही  बनाने का हमारा दायित्व है, आत्मनिर्भर भारत की 130 करोड़ देशवासियों की प्राण शक्ति से ही ऊर्जा मिलेंगी।

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