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Homeभोपालमामा बनें मददगार, पहले छात्रों के अब मजदूरों के।

मामा बनें मददगार, पहले छात्रों के अब मजदूरों के।

मामा बनें मददगार, पहले छात्रों के अब मजदूरों के।

भोपाल:-  अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी स्टेट कोरोना कंट्रोल रूम श्री आई.सी.पी. केशरी ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के ही अन्य जिलों में लॉकडाउन के कारण रोके गये श्रमिकों की परिवहन व्यवस्था कर उनके गृह जिलों में जल्द भेजने की कार्यवाही करें। इसके लिये दोनों जिलों के कलेक्टर श्रमिकों को भेजने एवं रिसीव करने का प्रबंध करेंगे एवं आपस में समन्वय करेंगे।

अपर मुख्य सचिव श्री केशरी ने कहा है कि इस कार्य के लिये स्टैण्डर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर निर्धारित किया गया है। इसके अनुसार संबंधित कलेक्टर परिवहन विभाग के माध्यम से बस को हायर कर श्रमिकों को उनके गृह जिले में भिजवाएंगे। बस में प्रत्येक सीट पर एक व्यक्ति ही बैठेगा। हर बस में श्रमिकों में से एक श्रमिक को, जिसके पास मोबाइल फोन हो, ग्रुप लीडर नामित किया जाएगा एवं उसका नम्बर भोपाल स्थित कंट्रोल रुम एवं गतंव्य जिले के कंट्रोल रूम में साझा किया जाएगा। प्रत्येक बस में सेनेटाईजेशन/ हैंड वॉश की व्यवस्था रखी जाएगी। प्रत्येक श्रमिक का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा यदि श्रमिक को सिम्पोटोनिक पाया जाता है, तो उसे उसी जिले में क्वारंटाइन किया जाएगा। अन्य लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद रवाना किया जायेगा।

कलेक्टरों को से कहा गया है कि गंतव्य वाले जिले में भी श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद उन्हें स्थानीय परिवहन की व्यवस्था कर गृह ग्राम रवाना किया जाएगा। बसों को हायर करने एवं भोजन आदि की व्यवस्था पर होने वाले व्यय का प्रबंधन आकस्मिकता निधि से संबंधित जिला कलेक्टर करेंगे। बस हायरिंग के लिये भुगतान आर.टी.ओ. द्वारा निर्धारित दर अनुसार तत्काल किया जाएगा।

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