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Homeइंदौरलुप्त होती पत्र लेखन विधा को पुनर्जीवित करने का सराहनीय प्रयास।

लुप्त होती पत्र लेखन विधा को पुनर्जीवित करने का सराहनीय प्रयास।

लुप्त होती पत्र लेखन विधा को पुनर्जीवित करने का सराहनीय प्रयास।

इन्दौर:- लुप्त होती पत्र लेखन विधा को पुनर्जीवित करते हुए उसकी उपयोगिता से सबको अवगत कराने हेतु बाल भारती पब्लिक स्कूल(नोएडा)द्वारा लोकप्रिय वेबसाइट हिंदीभाषा डॉट कॉम के साथ पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें करीब २०० विद्यार्थियों ने शामिल होकर अपनी प्रतिभा दिखाई। तीन सर्वश्रेष्ठ पत्रों को प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार तथा एक को विशेष प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए चुना गया।

    विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती आशा प्रभाकर एवं मुख्याध्यापिका श्रीमती विनया पुजारी के निर्देशन में इस प्रतियोगिता को मूर्त रूप दिया स्पर्धा संयोजक-शिक्षिका श्रीमती इलाश्री जायसवाल ने। इस स्पर्धा में कक्षा पांचवीं के लगभग १९० विद्यार्थियों ने हिस्सा लेकर जोरदार उत्साह दिखाया है। प्रधानाचार्या श्रीमती प्रभाकर ने बताया कि,विद्यार्थियों को साहित्य की सभी विधाओं का ज्ञान होना चाहिए,जैसे-कविता,कहानी, डायरी लेखन,पत्र लेखन,संस्मरण आदि। इसलिए प्रतियोगिता कराई गई,ताकि  सब पत्र लेखन के प्रति आकर्षित हों। ५ फरवरी को आयोजित इस स्पर्धा में सभी विद्यार्थियों को ४ समूहों में विभाजित किया गया तथा प्रत्येक समूह को आज की समस्याओं से सम्बन्धित ४ विषय पत्र-लेखन के लिए दिए गए। जैसे-आत्म-रक्षा हेतु जूडो-कराटे को पहली कक्षा से ही पाठ्यक्रम में लागू करने के लिए,बर्तन-बैंक बनाने के लिए,कपड़े के थैले के प्रयोग की अनिवार्यता,शौचालय-व्यवस्था आदि। स्पर्धा के बाद इनका मूल्यांकन करते हुए ३ सर्वश्रेष्ठ पत्रों-प्रथम श्रेयांश दास, द्वितीय त्रिजल मलिक एवं तृतीय पुरस्कार उत्कर्षिका को दिया गया। इन विजेताओं के अलावा विशेष प्रोत्साहन पुरस्कार गीत अरोड़ा को दिया गया।

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