सीवर, पानी, सफाई यह निगम का मूल काम, इन कामों में शिकायतें नहीं आना चाहिए:- एम बी ओझा
ग्वालियर:- स्वर्ण रेखा में 84 नालों के माध्यम से आ रही गंदगी को रोकने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जायेगा। इसके लिए संभागीय आयुक्त एवं नगर निगम प्रशासक श्री एम बी ओझा ने एक कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं। इस कमेटी में सीईओ स्मार्ट सिटी, संयुक्त संचालक नगर एवं ग्राम निवेश, अपर आयुक्त नगर निगम, अधीक्षण यंत्री पीएचई, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन, कार्यपालन यंत्री जनकार्य नगर निगम को रखा गया है। संभागीय आयुक्त श्री एम बी ओझा ने शुक्रवार को जलविहार में नगर निगम के अधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही शहर विकास के अनेक बिंदुओं पर भी विस्तार से चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
संभागीय आयुक्त एवं प्रशासक नगर निगम श्री ओझा ने निगम की योजनाओं की समीक्षा करने के साथ-साथ निगम के बजट पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि निगम का स्थापना व्यय कैसे कम हो, इस पर विचार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही निगम में उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग कर शहर में कार्य किया जाना चाहिए। सीवर, पानी, सफाई यह निगम का मूल काम है। इन कार्यों में इन कामों में शिकायतें नहीं आना चाहिए।
संभाग आयुक्त श्री ओझा ने कहा कि हमारा शहर स्मार्ट सिटी में शामिल है। हमें अपनी सेवाओं को भी स्मार्ट रूप से प्रदान करना चाहिए। सेवाओं में लोगों की भागीदारी बढ़े। इसके लिए भी विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने बैठक में यह निर्देश दिए हैं कि अमृत योजना के तहत सीवर एवं पानी की लाईन डालने का जो कार्य किया जा रहा है, उसमें सभी एजेन्सी यह सुनिश्चित करे कि जहां भी लाईन डाली जाना है वहां 100 मीटर सड़क खोदकर लाईन डालें और पहले सड़क को ठीक करें, उसके पश्चात ही आगे की सड़क खोदी जाए। जिन सड़कों पर लाईन डाल दी गई है उन सभी सड़कों को ठीक करने का कार्य तेजी के साथ किया जाए। श्री ओझा ने बैठक में निर्माण कार्यों के संबंध में भी स्पष्ट किया कि देखने में आ रहा है कि 30 – 40 प्रतिशत कम दर पर भी सीसी निर्माण के कार्य स्वीकृत हो रहे हैं, यह व्यवस्था ठीक नहीं है। इसके लिए सभी निर्माण विभागों की शीघ्र एक बैठक कर नीतिगत निर्णय लिया जाए। शासन के भी स्पष्ट निर्देश हैं कि सीएसआर की दर से 10 प्रतिशत ऊपर या नीचे कार्य स्वीकृत किए जा सकते हैं।