प्रदेश में 10 नई जेलो के साथ सुधार, सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण की शुरूआत।
भोपाल:- राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में जेलों की क्षमता से अधिक कैदियों की मौजूदगी समस्या बन गई है। मध्यप्रदेश ने जेलों की इस समस्या का निदान कर लिया है। नई राज्य सरकार ने प्रारम्भ में 10 नई जेल बनाने का निर्णय लिया है। इसके मुताबिक केन्द्रीय जेल इंदौर और सब जेल गाडरवारा, कुक्षी तथा मैहर एवं खुली जेल रीवा सहित जिला जेल बैतूल, रतलाम, राजगढ़, मुरैना और मन्दसौर में नई जेल बनाई जा रही हैं।
राज्य सरकार ने छिन्दवाड़ा में नये जेल कॉम्पलेक्स (संकुल) के निर्माण के लिए करीब 225 करोड़ की मंजूरी दी है। इससे प्रदेश में पहली बार एक ही संकुल में केन्द्रीय जेल, जिला जेल तथा खुली कॉलोनी स्थित होगी। इंदौर में नयी केन्द्रीय जेल के निर्माण की भी सैद्धांतिक सहमति हो गई है। शिवपुरी जेल शुरू हो गयी है और भिंड जेल का कार्य प्रगति पर है।केन्द्रीय जेल भोपाल में मार्च-2019 को खुली जेल शुरू की गई। केन्द्रीय जेल, नरसिंहपुर परिसर में 20 बंदियों के लिये खुली जेल के निर्माण के लिए सवा 2 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है।
प्रदेश की सभी जेलों को राज्य सरकार ने संबंधित न्यायालयों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोड़ दिया है। केन्द्रीय जेल भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, इन्दौर एवं बड़वानी की आउटर वॉल पर इलेक्ट्रिक फेंसिंग की गई हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हुई। प्रदेश की सभी केन्द्रीय एवं जिला जेलों को 590 आधुनिक वॉकी-टॉकी सेट्स और 22 बेस सेट से लैस किया गया। इस वित्त वर्ष में प्रदेश की 14 जेलों में 22 वर्कशॉप बैरकों के निर्माण की स्वीकृति दी गई।
प्रदेश की केन्द्रीय जेलों में अष्टकोण सह वॉच टॉवर, सी.सी.टी.व्ही. कन्ट्रोल रूम, आब्जर्वेशन टॉवर, गार्ड रूम तथा केन्द्रीय जेल भोपाल में विशेष सुरक्षा यूनिट ‘अंडा सेल’ के निर्माण पूर्ण हो चुके हैं। जेलों में आधुनिक सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगाए जा रहे हैं। वर्तमान जेलों में 22 बैरकों का निर्माण और केन्द्रीय जेल नरसिंहपुर की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कार्य स्वीकृत किया जा चुका है।