संविधान दिवस पर संविधान की मूल प्रति आमजनों को दिखाई।
ग्वालियर:- ग्वालियर में निवासरत विभिन्न प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए संविधान दिवस यादगार बन गया है, क्योंकि महाराज बाडा स्थित सेन्ट्रल लाइब्रेरी से संविधान दिवस के अवसर पर पहली बार संविधान की मूल प्रति आमजनों को देखने के लिए निकाली गई है, जिसे देखकर युवा बहुत ही उत्साहित रहे तथा उन्हें लगा कि वह स्वयं देश का संविधान बनाने वाली हस्तियों से रुबरु हो रहे हैं।
महाराज बाडा स्थित सेन्ट्रल लाइब्रेरी में आज संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की मूल प्रति को आमजनों के अवलोकनार्थ रखा गया है। इस दौरान बडी संख्या में युवाओं व छात्र छात्राओं ने संविधान की मूल प्रति को देखा तथा प्रत्येक पन्ने का अवलोकन किया एवं भारत के कानून के बारे में ज्ञानार्जन किया।
इस अवसर पर डिवीजनल लाइब्रेरियन श्री राकेश कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत का संविधान जब बनकर तैयार हुआ था, तब इसकी 16 मूल प्रतियां बनाई गईं थी। जिसमें से 9 प्रतियां सुरक्षित होने की आधिकारिक जानकारी है। शेष 7 प्रतियां कहां हैं, इसकी पुष्ट जानकारी नही हैं। सुरक्षित 9 मूल प्रतियों में से 1 प्रति ग्वालियर की सेन्ट्रल लाइब्रेरी में है। जो कि मध्य प्रदेश में केवल 1 है, यह प्रति 31 मार्च 1956 को सेन्ट्रल लाइब्रेरी को सौंपी गई थी।
उन्होने बताया कि संविधान की मूल प्रति में 221 पेज हैं, जिसमें देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद, देश के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद सहित देश की 285 हस्तियों के हस्ताक्षर हैं।
संविधान की मूल प्रति हाथ से लिखी हुई तथा सुनहरी स्याही से लिखी हुई है। जो कि लीथोग्राफी पैटर्न पर है। जिसमें यह प्रति लगभग 1000 साल तक सुरक्षित रह सकती है। उन्होने बताया कि अभी तक हम 26 जनवरी एवं 15 अगस्त के अवसर पर यह कॉपी आमजनों के अवलोकनार्थ रखते हैं। आज पहली बार संविधान दिवस पर भी यह आम लोगों के अवलोकनार्थ निकाली गई है। इसके लिए लाइब्रेरी के तीन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जिसमें श्री विवेक सोनी, श्री बसंत राव एवं श्रीमती नीलम बाजपेयी को नियुक्त किया गया है।