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बच्चों के सर्वांगीण विकास में शिक्षा के साथ ही व्यक्तित्व विकास भी जरूरी- स्कूल शिक्षा मंत्री

बच्चों के सर्वांगीण विकास में शिक्षा के साथ ही व्यक्तित्व विकास भी जरूरी- स्कूल शिक्षा मंत्री

रायसेन:-  स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी रायसेन में आयोजित केरियर काउंसलिंग एवं मोटीवेशनल कार्यक्रम मे शामिल हुए। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। स्कूलों में बच्चे मन लगाकर पढ़ाई कर सके, इसके लिए स्कूलों में सभी आधारभूत व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के साथ ही बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराया जा रहा है। यह केरियर काउंसलिंग एवं मोटीवेशनल कार्यक्रम डॉ अम्बेडकर सर्वोदय विकास परिषद म.प्र. भोपाल के तत्वधान में संस्कार पब्लिक स्कूल में आयोजित किया गया था।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ चौधरी ने कहा कि इस प्रकार का कार्यक्रम आयोजित करने का उद्देश्य बच्चों को सही दिशा देना है ताकि उन्हें सोचने समझने का अवसर मिले और वह किस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं। उन्होंने बच्चों से कहा कि वह अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उसे प्राप्त करने के लिए मन लगाकर पढ़े। छात्र अपनी ऊर्जा को सही दिशा दे ताकि उनके अपने व्यक्तित्व के विकास के साथ-साथ समाज को भी इसका लाभ मिले। उन्होंने छात्रों से कहा कि उनकी रूचि खेल, संगीत या जिस क्षेत्र में हो, प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें उस क्षेत्र में आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ चौधरी ने कहा कि बच्चों के विकास में अभिभावक और शिक्षक, दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षण के अलावा बच्चों के व्यक्तित्व विकास संबंधी गतिविधियों को पर्याप्त अवसर देना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि जिस तरह से हम बच्चों को शिक्षा देंगे, जैसा उनके सामने आदर्श प्रस्तुत करेंगे उसी आधार पर बच्चों का भविष्य बनेगा।
उन्होंने कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक परिवर्तन किए जा रहे हैं। अभिभावक बच्चों की शैक्षणिक स्थिति से अवगत हो सके, इसके लिए प्रदेश के सभी स्कूलों में पेरेंट-टीचर मीटिंग करवाने का निर्णय लेकर इसे लागू किया है। मीटिंग के माध्यम से अभिभावकों को बच्चे की स्कूल में उपस्थिति, उसकी शैक्षणिक स्थिति की जानकारी प्राप्त होगी। शिक्षकों को भी अभिभावकों से बच्चों की रूचि, शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़ी जानकारी मिलेगी। उन्होंने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कक्षा पांचवी और आठवीं कक्षा को पुनः बोर्ड परीक्षा किया गया हैं। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्राचार्यो तथा वरिष्ठ अधिकारियों के दलों को दक्षिण कोरिया तथा दिल्ली भेजा गया। यह दल वहां की शिक्षा व्यवस्था को देखेंगे, समझेंगे और फिर प्रदेश में भी लागू कर सकेंगे।
कार्यक्रम में दिल्ली से आए मोटिवेटर डॉ अवधेश सिंह ने कहा कि बच्चों की प्रतिभा को जानकर सही दिशा में आगे बढ़ाया जाए तो वह निश्चित ही सफलता के नए आयाम स्थापित करेंगे। शिक्षकों तथा अभिभावकों को यह समझना चाहिए कि बच्चे की किस विषय में रुचि है और वह कहां अपना बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। अगर शिक्षक, अभिभावक इस बात को समझ जाएं, तो हर बच्चे को सफलता के शिखर पर पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हर बच्चें में कोई न कोई खूबी जरूर होती है, बस उस खूबी को पहचानने की अवश्यकता होती है। उन्होंने बच्चों को अनेक प्रेरक स्मरण भी सुनाए। कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी श्री आलोक खरे, डीपीसी श्री विजय नेमा, शासकीय उत्कृकष्ट विद्यालय के प्राचार्य डॉ आनंद शर्मा, कांग्रेस के श्री बृजेश चतुर्वेदी सहित जिले के विभिन्न स्कूलों के छात्र एवं शिक्षक उपस्थित थे।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने सुनी लोगों की समस्याएं

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने रायसेन स्थित सर्किट हाउस में जनसामान्य से भेंट कर उनकी समस्याएं सुनी तथा उपस्थित अधिकारियों को उनका त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए। इस दौरान कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव, एसपी श्रीमती मोनिका शुक्ला भी उपस्थित थीं।

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